आसरो

तल़तल़ीज्या तल़तल़ाटै सूं
हल़फल़िया
डरिया -घिरिया
आकल़ -बाकल़ होय
थकतां -थकतां ई
तकतां -तकतां ई
जोय लियो एक आसरो!
गांव रै गवाड़ में
घेर घुमेर ऊभा
आभै सूं बंतल़ करता […]
Charan Community Portal
तल़तल़ीज्या तल़तल़ाटै सूं
हल़फल़िया
डरिया -घिरिया
आकल़ -बाकल़ होय
थकतां -थकतां ई
तकतां -तकतां ई
जोय लियो एक आसरो!
गांव रै गवाड़ में
घेर घुमेर ऊभा
आभै सूं बंतल़ करता […]
।।शार्दूलवीक्रिडीत छंद।।
अंबा नीलसरस्वती त्रिनयनी, वन्दे शम्शानी परा।।
कैची खप्परणी विशाल खडगा, नीलांम्बुजं धारिणी।
कंठे हार भुजंग व्याल वलया,तन्वी जया तारिणी।
श्रीमद्एकजटाशिरा नमन मां,श्यामा तनु आवडा॥1
ऐं ह्रीं श्रीं शुभ क्लीं हुं उग्र तरला, कापालिका मंगला।
कंकाली नरमुंडमाल धरिणी, शक्ति स्वरूपा भवा।
वामाखेपवशिष्ठ आदिजननीं, हुंकारिणी,चित्परा।
तारा वंदन कालहंती वरदा, मां आवडा शारदा॥2[…]
सांई दीन दरवेस सही ई लिखियो है कै मित्र ई करणो है तो चारण नै करणो चाहीजै क्यूंकै वो ई जीवतै नै अर मरियां पछै ई समरूप सूं चितारै – मित्र कीजै चारणां, बाकी आल़ पँपाऱ। जीवतड़ां जस गायसी, मूवां लडावणहार।। इण बातरी सार्थकता सिद्ध करणिया घणा ई किस्सा है। ऐड़ो ई एक किस्सो है कविवर कान्है आढै रो। बीकानेर राव जैतसी रो समकालीन कवि कान्हो इणी रियासत रै गांव भालेरी रो वासी हो। मोटो अमल रो बंधाणी। एक सेर अमल रो मावो थित रो। कम आमदनी रो गांव अर इतरो नसो सो पार पड़णी दोरी। कणै किणी ठाकर रै तो कणै […]
» Read moreछंद सारसी
क्रां भद्रकाळी, क्रीं कृपाळी, क्रूं कराली, कालिका।
मां मुण्डमाळी, डं डमाली, वपु विशाळी, ज्वालिका।
जय जगतपाली, वृद्ध बाली वेश भाळी मावडा।
काली कराली, वदन वाली, अस्थिमाली, आवडा॥1
समसान वासी, अट्टहासी, वपुअमासी, कज्जला।
प्रति पल पिपासी, पुंज राशी, भव्य भासी, चप्पला॥
मेटो उदासी, हिये वासी, फँस्यौ फासी, डावडा।
काली कराली, वदन वाळी, अस्थि माळी, आवडा॥2 […]
ईंदोकली (नागौर) गांव आपरी साहित्यिक अर सांस्कृतिक चेतना रै पाण चावो रैयो है। इण गांव में एक सूं बधर एक कवि अर सूरमा होया जिणां चारणाचार नै मंडित कियो अर जगत में सुजस लियो। बारठ अखैजी रै वंशजां रै इण गांव में आंकधारी जनमिया जिणां आपरी बांक नै कायम राखी। रणांगण में जूझण री इण घराणै री आदू ओल़ रैयी है।सिहड़दे सांखलै रै साथै रूण री राड़ में अलाऊदीन रै खिलाफ वीरगति वरणियो सांढल, आऊवै रै धरणै में चारणां री कीरत निकलंक राखणिया बारठ अखोजी, च़ंद्रसैण रै साथै जूझणियो बारठ भल्लण अर वीर रतनसी जैड़ै सपूतां री कड़ी में ई […]
» Read moreसभी एडमिन बंधुओं से निवेदन है कि चारणों से सम्बंधित अपने फेसबुक/व्हाट्सएप ग्रुप/पेज या वेबसाइट को इस लिस्ट में जुडवाने के लिए अपनी डिटेल्स admin@charans.org पर ईमेल करें| WhatsApp Groups **मोबाइल नंबर जानने के लिए admin@charans.org पर मेल द्वारा संपर्क करें। यदि आप अपना मोबाइल नम्बर यहाँ परमानेंट दिखाना चाहते हें तो ग्रुप एडमिन उक्त मेल पर अपनी सहमती दें। Facebook Groups/Pages Note: Only those groups / pages are eligible which are publicly visible and have at least 500 members or likes. www.charans.org (Group) / www.charans.org (Page) Old Boys Association Charan Hostel Udaipur अखिल भारतीय चारण दर्पण Charan Group (Admin Shri […]
» Read moreशीश नमाऊं शारदा, सुमरू देव सुण्डाळ।
जस बरणूं जगतंब रो, मां मोगल मछराळ।।1
ओखा धर जनमी उमय, ईहग बरण उजाळ।
तिहू लोकां तारण तरण, मां मोगल मछराळ।।2
आवे जद अबखी बखत, करकश घूमे काळ।
उण पळ अम्ब उबारणी, मां मोगल मछराळ।।3
वरदे वीणा वादनी, बसजै ह्रदय विशाळ।
कीरत आई री कथूं, मां मोगल मछराळ।।१
समद समीपां सोहती, बीस भुजी विकराळ।
तनें नमन तारण तरण, मां मोगल मछराळ।।२
ओखा री आणंद घन, वंदन बीस भुजाळ।
सबळ निबळ री स्वामिनी, मां मोगल मछराळ।।३
साद सुणंता शंकरी, तीजी आवै ताळ।
झटप बाज जिम जोगणी, मां मोगल मछराळ।।४[…]
छंद: नाराच
विडारणीय दैत वंश सेवगाँ सुधारणी।
निवासणी विघन अनेक त्रणां भुवन्न तारणी।
उतारणी अघोर कुंड अर्गला मां अर्गला।
करंत देवि हिंगळा कल्याण मात मंगळा॥1॥
रमे विलास मंगळा जरोळ डोळ रम्मिया।
सजे सहास औ प्रहास आप रुप उम्मिया।
होवंत हास वेद भाष्य वार वार विम्मळ।
करंत देवि हिंगळा कल्याण मात मंगळा॥2॥[…]
गीर रा गाढ ओरण रे माय एक वळे जगह है जिण रो नाम नाळियेरी नेस/नाळेरीनेस है जठे आवड जी महाराज मढ में बिराजियोडा है। वन पशु पंखेरू अर प्राणी मात्र नें मां आवड अनपूरण रे ज्यूं प्रकृति रे अनुपम अखैपातर सूं केर , करमदा बोर, जांबु, केरी, चीकू, केळा रो नित भोजन करावै। माता रो रसोडो अणखूट है किणी नें मा निराश नी करे। प्रकृति री इण अनुपम भेट ने आधार बणायर म्है ओ बात नें कविता मे केवण री कोशिश करी है कि आप अगर तर्क री दीठ सूं प्हैला शगती अवतरण रा मिथक ने देख अर राव शेखा […]
» Read more