सरस्वती वंदना

मेरे मित्र अवधेश सा देवल से वलदरा में मिलने का हुआ तो उन्होने मुझे सिरोही जिले के ऐतिहासिक पौराणिक सरस्वती मंदिर जो अजारी गांव में स्थित है उसका जिक्र किया और निवेदन किया की आप पर सरस्वती की कृपा है सो सिरोही जिले के अजारी गाँव स्थित सरस्वती मंदिर के अवश्य दर्शन लाभ लें। मैंने उनको बताया था कि हम दोनों साथ साथ चलेंगे और वहां दर्शन करने जाने से पूर्व एक सरस्वती वंदना मेैं मां की बनाने की कोशिश करूंगा। और जब दर्शन करेंगे तो मां के सामने सस्वर पठन करेंगे। आज उस बात को ध्यान में रखते हुए […]

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सुण कलम सांच बोल्यां सरसी

ओ बगत बायरो बतळावै
उणसूं अणजाण कियां बणसी।
जे भाण ऊगणो भूल्यो तो
सुण कलम साच बोल्यां सरसी।।
जण-जण रै मन में भय जब्बर
रण-रण त्रासां रणकार हुवै।
भण-भण अै लोग भला भटकै
खण-खण खोटी खणकार हुवै।।
देवां रै झालर झणकारां
रैयत रुणकारां दबी पड़ी।
फांफी फणगारा फळफूलै
ईमान धरम पर मार पड़ी।।
कण-कण धरती रो कांपै है
आभो किम धीरज अब धरसी।
मरजाद धरम नै राखण हित
सुण कलम साच बोल्यां सरसी।।01।।[…]

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सुरा सप्तक

दारू री दिन रात, विदग्ग की बातां बाचो।
व्हालां दो बतल़ाय, एक गुण इणमें आछो।
सूखै कंठ सदाय, घूंट इक भरियां गैरो।
जाडी पड़ज्या जीब, चरित नै बदल़ै चैरो।
उदर में जल़न आंतड़ सड़ै, पड़ै नही पग पाधरो।
किण काज आज सैणां कहो, इण हाला नैं आदरो।।1[…]

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🌹जय करनी जय शंकरनी🌹- कवि स्व. अजयदान जी रोहडिया

🌸दोहा🌸
जग करनी, हरनी जगत, जग भरनी जगदंब।
किनियांणी करनी नमो, काटनि क्लेश कदम्ब।। १
देत बुआ सिर डूचको, अंगुलिन भइ अनुरूप।
नाम करनी या तें दियौ, लख निज करनि अनूप।। २

🌸छंद रेणंकी🌸
बरनी नहि जाय विशद तव करनी, आदि शक्ति नति अघ हरनी।
हरनी मद मोह, कोह तम तरनी, युग युग अवतरनी धरनी।
धरनी कर त्रिशुल मुण्ड निर्जरनी, धूर्त धृष्ट जग वध करनी।
करनी जन कष्ट नष्ट कलि करनी, जय करनी!जय शंकरनी।। १[…]

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जल संरक्षण बाबत सवैया – कवि वीरेन्द्र लखावत कृत

आप बचाय लहो इतरौ जळ जा सूं बचै सब री जिन्दगाणी।
नेह सूंमेह रौ नीर घरै संचय करणा री सबै समझाणी।
पालर पाणी री एक एक बूंद रौ लेखौ लियां ई बचैला पाणी।
होद बणा हर एक ई आंगण मांगण री मत राख मचाणी ।।[…]

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बांस रहे न बजे नह बाँसुरी – कवि स्व अजयदान जी लखदान जी रोहडिया

दूध की सुधि नहिं बछरानहु, पागुर और न गाय करे है|
पौन समर्थ रहै नँह गौन हू मंद ही मंद वही विचरे है|
चालत सूर्य सुता जल ह्वै थिर भूधर होत द्रवित झरे है|
आलि!कहा कहों जो मुरली मुरलीधर ले अधरान धरे है||१

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जल़ बिनां नाही देख जीवण

जल़ बिनां नही देख जीवण
सैकड़ां कथ सार।
काल ही जल़ पांण कहियै
अवन जल़ आधार।
तो आधारजी आधार अवनी नीर ही आधार।।1

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गढ में तो ऊभो बड़ियो हूं, सो आडो ई निकल़सूं

इण दिनां फेसबुक अर वाटस्एप माथै जोगीदास चारण अर महाराजा मानसिंह सूं संबंधित एक जोरदार कहाणी पढण नै मिल़ रैयी है। कुण लिखी आ तो ठाह नीं पण आगै सूं आगै धकावण में खासै ढंगरै मिनखां रा नाम पढिया। म्है उण सगल़ै लेखक मित्रां नैं बतावणी चावूं कै आप जिण जोगीदास नै चारण बता रैया हो बै पातावत राठौड़ हा। बात यूं है – जोधपुर माथै उण दिना अभयसिंहजी रो राज हो महाराजा रा हल थकिया अर लागण लागो कै अबै ओ शरीर कणै ई बरतीज सकै। जद उणां आपरै स्वामीभक्त अर विसवासी सिरदारां नैं बुलाय वचन लियो कै जे […]

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🌹सरस्वती वंदना🌹- कवि स्व अजयदान जी लखदान जी रोहडिया

🌹छंद नाराच🌹
घनान्धकार नाशिनी विनाशिनी विमूढता।
प्रज्ञा प्रदायिनी प्रकाश वर्धनी प्रगूढता।
हरि हरादि पूजिता, विरंचि वंदिता अति।
प्रसन्न हो प्रयच्छ बुद्धि स्वच्छ मां सरस्वती।। १

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आऊवै धरणै रा महानायक अखोजी बारठ

मारवाड़ रै मध्यकालीन इतिहास में आऊवा रो चारण धरणो चावो है। मारवाड़ रै शासकां अर चारणां रा संबंध प्रगाढ रैया है पण जोगानजोग राजा उदयसिंह री बगत ऐ संबंध किणी गल़तफहमी रा शिकार होय बिगड़ग्या। उदयसिंह चारणां रा गांम जबत कर लिया। विरोध होयो। समझाइस होई पण राजा नीं मानियो। छेवट1643 वि. में चारणां आऊवै री आंटीली धरती माथै धरणो दियो।
आऊवो उण दिन ठाकुर गोपाल़दासजी चांपावत री जागीर रो एक गांम हो। राजा गोपाल़दासजी नैं कैवायो कै धरणो म्हारै खिलाफ है सो आप धरणो उठावो। नीतर हूं गांम खालसै कर दूंला।

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