छँद देवल रो – कविराज जुँझारदान जी दैथा ‘मीठड़िया’

🌹छँद रौमकँद🌹
सुरराय सदा अघ मेटण सॉप्रत पाय नमौ पह रीत पणॉ ।
रवराय देवी दुरगा वड राजत धाय दियायत खाय घणॉ ।।
सैवकॉ पर साय उपाय साधारण जौत धुबाय तुँ आय जिनूं ।
शगतॉ नवलाख झूलॉ विच शौभत दैवल राजत देव धिनूं ।।१।। […]

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मधुर सुर भासणी मान माता

।।गीत प्रहास साणोर।।

उगत दे भारती ऊजल़ै आखरां अंब,
रचण छंद भगत नैं मात रीझै।
जुगत झट उपावो साहित गुण जाणवा
कवी रो सगत ओ काज कीजै।।1 […]

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सनातन धरम रक्षक महान वीर वीरमदे सोनगरा

द अलाऊदीन खिलजी सोमनाथ री लिंग लियां मदछकियो जाल़ोर री आंटीली धरा में बड़ियो तो अठै रै अडर अर धरम रक्षक शासक कान्हड़दे आपरै आपाण रै पाण खिलजी सूं खेटा कर लिंग खोसली अर माण सहित सरना गांम में थापित करी। इणी रै अजरेल अर जबरेल सपूत वीरमदे री वीरता अर सुंदरता देखर अलाऊदीन री बेटी फिरोजा रीझगी अर हट पकड़ियो कै शादी करेला तो इणी वीरम रै साथै !नीं तो कंवारी ई भली। बादशाह कान्हड़़दे नैं कैवाय़ो पण वीरमदे नटग्यो। […]

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खाखी बोली खरी-खरी

करतां इज काम निकरमी बाजूं, करता मो पे गजब करी।
दिल रो दरद दुहेलो उझळ्यो, खाखी बोली खरी-खरी।।

अै नकटा, अै निपट निकरमा, अै गुँडा अै आदमखोर।
अै पापी, अै ढ़ोंगी पक्का, अै पाखंडी, नामी चोर।।
जग रै मूंढै आ जस गाथा, कहो किसी तपतीश करी।
रंज’र रीस टीस बण रड़कै, खाखी बोलै खरी-खरी।।

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आपारां पुरोधा, नारायणसिंहजी कविया ‘शिवाकर’

नारायणसिंहजी शिवाकर, राजस्थानी, संस्कृत, हिंदी, पिंगल़, अर अंग्रेजी में समरूप अर सम अधिकार सूं लिखणिया विद्वान मनीषी हा। उणां नैं 1987 में राजस्थानी भाषा अकादमी रो सर्वोच्च सूर्यमल्ल मीसण पुरस्कार मिलियो। उण दिनां म्है 10वीं करर 11वीं में पढे हो। रेनबो हाऊस जोधपुर में श्रद्धेय डॉ शक्तिदानजी कविया रै संयोजन में दो दिवसीय राजस्थानी साहित्यकार सम्मेलन होयो हो अर उणमें म्हनै आमंत्रित कवि रै रूप में एक म्हारो रेंणकी छंद सुणावण रो मोको मिलियो। उठै ई शिवाकरजी सूं मिलण होयो अर उणां म्हनै जिण लाड अर अपणास रै साथै ‘दुर्गादास सतसई’ दीनी। वा आज ई म्हारै कनै एक हेमाणी रै रूप में सुरक्षित है। […]

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सोनै जेड़ी कल़ंकित वस्तू पैरी तो तीन सौ तलाक

।।जैतमाल राठौड़ अर पीठवै मीसण रै अदभुत प्रेम री कहाणी।।

पीठवो मीसण पन्द्रहवीं सदी रो मोटो चारण कवि। इण पीठवै रो गांम कोई बोगनियाई कैवै तो कोई कैवै कै पक्को नीं कै ओ कवि किण गांम रो होतो।

खैर। एकर भयंकर काल़ पड़ियो तो इण रा माईत गुजरात गया जठै जाल़िवाड़ै गांम रे झूलै समंद्रसी इण रै बाप नैं मारर इणरी बैन नैं माडै परण लीनी।  पीठवो उण दिनां आपरी मा रै कूख में हो सो इणरी मा आपरी पीठ चिराय धणी री ऐल राखण नैं इणनैं जलम दियो, अर बा आपरै धणी रो साथ करर सुरगां पूगी।[…]

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व्हाल ब्हावरी री गज़ल

सुपन री बातां निराल़ी है सजणवा!
आँख में जिण सूं दिवाल़ी है सजणवा!१
रात -राणी री महक रूं रूं रमंती,
डील ज्यूं फूलां री डाल़ी है सजणवा!२
ख्वाब वाल़ी नौकरी दीधी खरी थें,
रोज म्हारी रातपाल़ी है सजणवा!३ […]

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कलो भलो रजपूत कहीतो

कल्ला रायमलोत अर स्वाभिमान एक दूजै रा पर्याय मानीजै। जोधपुर रै राव मालदेव रै बेटै रायमल रो प्रतापी सपूत कल्लो (कल्याण दास) सीवाणै रो धणी। वो सीवाणो, जिण री थापना विक्रमादित्य रै बेटै वीर नारायण करी अर उण री साख रै खातर चहुंवाण वीर सातल अर सोम खिलजी सूं जूझता सुरग पथ रा राही बणिया। कोई इणनै़ सोम रै नाम सूं सोमियाणो अथवा समियाणो ई कैवै। उण दिनां अकबर रो राज हो। मोटै राजा उदयसिंहआपरी बेटी मानाबाई रो ब्याव अकबर साथै करणो तय कियो […]

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हर मा नै समर्पित – कुण जामण री होड करै

।।छंद-रे़णकी।।
राखै नव मास उदर मँझ रक्षा,
सास सास हद कष्ट सहै।
सींचै तन वेल रगत सूं सांप्रत,
रीझ जिणी पर मुदित रहै।
खीजै नहीं, भाव भरण नित खम्या,
ध्यान आप सूं अधक धरै।
थिगती जिण देह अडग कर थामण,
कुण जामण री होड करै।।1[…]

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