परभड़ा वीरगत तिहारी परणमू

।।गीत-प्रहास साणोर।।

वहा! वहा! धर शेरगढ कूख धर बंकड़ां,
निडर नर निपजणी ओल़ नामी।
गोग रा वंशधर गाढ में गर्विला,
थल़ी रा मरद रण खाग थामी।।1

जिणै छतरांणियां जाहर नर जगत में
दियण धिन नाहरां टकर देखो।
वाहरां गयोड़ी भोम रा वीरवर
एक सूं आगल़ा एक एको।।2[…]

» Read more

छका मनका गज़ाला – गज़ल

उसे फिर तोड डाला जा रहा है।
अंगारों पे उबाला जा रहा है।।१
गलाकर मौम की मानिन्द कुंदन,
नये जेवर में ढाला जा रहा है।।२
कोई रोको वो पतझड का पयंबर,
बिना ओढे दुशाला जा रहा है।।३
वो सच में सल्तनत का हुक्मरां है,
पे दरबां हुक्म टाला जा रहा है।।४[…]

» Read more

यक़ीनन ये गिले शिकवे – राजेश विद्रोही (राजूदान जी खिडिया)

यक़ीनन ये गिले शिकवे अग़र बाहम हुये होते।
दिलों के फासले यारों कभी के कम हुये होते।।

कभी इक दूसरे को हमने पहचाना नहीं वरना।
न तुम शिकवा व लब होते ना हम बरहम हुये होते।।

कभी मिलकर के हमने काश खुशियाँ बांट ली होतीं।
कभी इक दूसरे के हम शरीक़ेग़म हुये होते।।[…]

» Read more

शहीद प्रभू सिंह राठौड़ नें श्रध्धांजली

अड़यो ओनाड़ वो आतंक सूं सिंवाड़ै
मौद सूं फूल नह कवच मायो।
अमर कर नाम अखियात इण इळा पर
अमरपुर सिधायो चंदजायो।।

प्रभू नै पियारो होयग्यो प्रभुसिंह
सोयग्यो चुका कर कर्ज सारो।
मौयग्यो मरद वो हिन्द री भोम नै
तनक में खोयग्यो चंद-तारो।।[…]

» Read more

गज़लें – राजेश विद्रोही(राजूदान जी खिडिया)

ये जानी पहचानी ग़ज़लें।
ख़ालिस हिन्दुस्तानी ग़ज़लें।।
कान्हा की मुरली में खोयी।
मीरा सी दीवानी ग़ज़लें।।
नानक सूर कबीरा गाये।
भाव भरी रूहानी ग़ज़लें।।[…]

» Read more

सच है वो समंदर के

🍀गज़ल🍀
सच है वो समंदर के अंदर नहीं गया है।
आँखों से खौफ का पर मंजर नहीं गया है।।
हाँ उसको मारने की, दी थीं सुपारियाँ पर,
कातिल ही वार करके खंजर नहीं गया है।।
सरसब्ज खेत आते हों राह अब भले ही,
यादों से वो पुराना, बंजर नहीं गया.है।[…]

» Read more

याकूब आमीर के तरही मिसरे पर गज़ल

आप से रोशन हुई राहें सभी चारों तरफ।
अब न भटकेगी मिरी आवारगी चारों तरफ॥
चांद, तारों, बादलों, फूलों, बहारों में जरा,
ढूंढले बिखरी पडी है शायरी चारों तरफ॥
कौन यह आया कि सहरां भी गुलिस्तां हो गया,
जिसकी आहट नें करी जादूगरी चारों तरफ॥[…]

» Read more

बेटियाँ – राजेश विद्रोही(राजूदान जी खिडिया)

बाबुल की बेशक़ीमती थाती है बेटियाँ।
बेटे अग़र चिराग हैं बाती हैं बेटियाँ।।

अंजाम हर फ़रज को हमेशा दिया मग़र।
हरग़िज नहीं हकूक जताती हैं बेटियाँ।।

बेटों से एक घर भी संभलता नहीं मग़र।
दो मुख़्तलिफ़ घरों को मिलाती हैं बेटियाँ।।

बाबुल की देहरी से विदाई के बाद भी।
नैहर के नेगचार निभाती हैं बेटियाँ।।[…]

» Read more

बड़े मियाँ – राजेश विद्रोही(राजूदान जी खिडिया)

सबकी सुनकर भी अपनी पर अड़े हुये हैं बड़े मियाँ।
लोग शहर के कैसे चिकने घड़े हुये हैं बड़े मियाँ।
पहले यूं ख़ुदगर्ज़ नहीं था कुछ अपनापा बाक़ी था।
आख़िर हम भी इसी शहर में बड़े हुये हैं बड़े मियाँ।
ये मत सोचो इस मरभुख्खे गाँव में क्या तो रक्खा है।
जाने कितने बड़े ख़जाने गड़े हुये हैं बड़े मियाँ।[…]

» Read more

माता

प्रेम को नेम निभाय अलौकिक,
नेम सों प्रेम सिखावती माता।
त्याग हुते अनुराग को सींचत,
त्याग पे भाग सरावती माता।
जीवन जंग को ढंग से जीत के,
नीत की रीत निभावती माता।
भाग बड़े गजराज सपूत के,
कंठ लगा दुलरावती माता।।1।।[…]

» Read more
1 2 3 4