ગઝલ

રસ ભરી વાતો ગઝલ માં હોય છે.
સ્નેહ નો નાતો ગઝલ માં હોય છે.
ચાંદ, તારા, ફૂલ, ઝાકળ થી સભર,
મેઘલી રાતો ગઝલ માં હોય છે.
સૂર, તુલસીદાસ, નરસી મય બની,
આતમો ગાતો ગઝલ માં હોય છે.
હા !વલોणुं થાય ઘમ્મર ગામડે
એવી પરભાતો ગઝલ માં હોય છે.[…]
Charan Community Portal
રસ ભરી વાતો ગઝલ માં હોય છે.
સ્નેહ નો નાતો ગઝલ માં હોય છે.
ચાંદ, તારા, ફૂલ, ઝાકળ થી સભર,
મેઘલી રાતો ગઝલ માં હોય છે.
સૂર, તુલસીદાસ, નરસી મય બની,
આતમો ગાતો ગઝલ માં હોય છે.
હા !વલોणुं થાય ઘમ્મર ગામડે
એવી પરભાતો ગઝલ માં હોય છે.[…]
बारठ दूदाजी रै च्यार बेटा होया-महपोजी, चाहड़जी, थिरोजी अर अमरोजी। थिरोजी अर अमरोजी कविवर्य चांनणजी खिड़िया रा भाणेज हा। इणी थिरोजी रो तोगोजी अर तोगोजी रै बारठ शंकरदासजी अथवा बारठ शंकरजी होया।
शंकरजी प्रतिभा संपन्न अर प्रज्ञा पुरूष होया। उण दिनां बीकानेर माथै महाराजा रायसिंह जी रो राज। रायसिंहजी काव्य प्रेमी अर उदार मिनख हा। बारठ शंकर आपरी रचना “सूर दातार रो संमादो” जैड़ी छोटी पण भावां सूं उटीपी रचना लेयर रायसिंहजी रै अठै हाजिर होया अर रचना सुणाई-
तन वीजूझल़ पल़ समल़, सिव कमल़ हंस.हूर।
ऐता दीन्हां बाहिरो, मोख न पावै सूर।।
जल़ थल़ महियल़ पसु पँखी, सूर घणा ई होय।
दाता मानव बाहिरो, सुण्य़ो न दीठो कोय।।
महाराजा रायसिंहजी इण रचना सूं इता रीझिया कै हाथोहाथ आपरै दीवाण करमचंद बच्छावत नैं आदेश दियो कै कवि नै करोड़ पसाव कियो जावै! पण दीवाण सोचिय़ो कै दरबार नै एहसास करायो जावै कै करोड़ रुपिया कोई बापड़ा नीं होवै ! जिको इणविध कवितावां माथै लुटाया जावै![…]
» Read moreगीत – चित इलोल़
मुरधरा सोयाप मोटो, सांसणां सिरताज।
मेह रै घर जनम माता, हरस नै हिंगल़ाज।
तो हिंगल़ाज जी हिंगल़ाज हितवां रीझणी हिंगल़ाज।।1
कोम किनियां भोम कीरत, मंडणी महमाय।
उदर देवल धिनो आढी, प्रगट जामण पाय।
तो सुररायजी सुरराय, सोरम सुजस री सुरराय।।2
भाल़ निज री तात भगनी, साच उलटी सीख।
ताण पापण कियो तारां, ठोलियो सिर ठीक।
तो नजदीकजी नजदीक निष्ठुर भाव रै नजदीक।।3[…]
॥गीत – प्रहास साणोर॥
चरै मां संदशा करै डसण विधि चोगणी,
खसण विध नोगणी धरै खूनां।
सोगणी खितारै धाक चढि आसुरां,
जोगणी चितारै वयण जूनां॥1॥
आज म्है आविया माढ पग अबरखे,
डबर कै छांडि पग मती डागो।
दीसहत खबर कै घणो जग देखसी,
बीसहथ जबर कै देखि बागौ॥2॥[…]