वाह बीकाणा वाह!!

राव वीकै रै बसायै नीकै नगर रो नाम है बीकानेर। जूनो नाम जंगल़, जिणरी कदैई राजधानी होया करती जांगल़ू। जठै दइयां अर सांखलां राज कियो। इणी धरा माथै कदैई छोटा-छोटा दूजा जाट राज ई होया करता, वां सगल़ां नै आपरै बुद्धि अर आपाण रै पाण सर कर वीकै ओ सुदृढ राज थापियो अर नाम राखियो बीकानेर। जिणरी नींव करनीजी खुद आपरै हाथ सूं लगाय वीकै नै निरभै कियो अर रैयत सूं सदैव प्रेम निभावण रो सुभग संदेश दियो-
वीको बैठो पाट, करनादे श्रीमुख कैयो।
थारै रहसी थाट, म्हारां सूं बदल़ै मती।।[…]