थपिया कीरत थंब

सांचोर माथै राव बरजांगजी राज करै। बडो दातार। बडो सतवादियो। कवियां रो कद्र करणियो अर खाग रो धणी। केई चारण कवेसरां नै गांम इनायत किया। इणी कवियां में एक नाम सोडैजी मईया रो ई चावो।
इण सोडैजी मईया नै राव बरजांगजी, गोमेई गांम दियो। नैणसी री ख्यात रै परिशिष्ट में दाखलो मिलै कै उन्नीसवें सईकै में गोमेई में दो पांतीदार हा-
“कोस 9आथूण। इकसाखियो। कोसोटो हुवै। चारण करता जमांवत, चारण अभा मांनावत रै आदो-आद सो गांव बरजांगजी दीया चारण सोडै मई नै। “
जैड़ोक दाखलो आयो कै अभा मानावत रै आधोआध है। इणसूं ठाह लागै कै अभजी मईया गांम रा आधिया हा। उवै आपरी बखत रा नामजादीक कवि पण हा-
अभमल तोसूं ऊजल़ी, सो मईयां री साख।[…]
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