गजल – थे भी कोई बात करो जी – जी.डी.बारहठ (रामपुरिया)

थे भी कोई बात करो जी,
भैरू जी नै जात करो जी।
अपणो बेटो पावण सारूं,
दूजो सिर सौगात करो जी।।

जनम दियो सो जर जर होया,
पीळा पत्ता झड़ जासी,
सुध-बुध वांरी मती सांभळो,
मंदिर में खैरात करो जी।।[…]

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चारणों के गाँव – जिले वार सम्पूर्ण लिस्ट

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जंगी गढ जोधांण / बंको बीकानेर

जग में चावो जोधपुर, भल चमकंतो भाण।
अड़ियो जाय अकास सूं, जंगी गढ जोधांण।।११
***
जाहर गढ जोधांण रो, हाड अकूणी हेर।
सदा निशंको सांप्रत, बंको बीकानेर।।14[…]

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करणी माता रा छंद – कवि खीमदान बारहठ

।।छंद – रोमकंद।।
जब मानव जट्टीय कुड़ कपट्टीय, काम निपट्टीय नीच करै।
मरजाद सुमट्टीय लोकन लुट्टीय, पाप प्रगट्टीय भुम परे।
कय आपस कट्टीय वारन वट्टीय, देख दुषटिय लोक डरयो।
करणी जग कारण पाप प्रजारण, धर्म वधारण रुप धरयो।
देवी धिय सुधारण रुप धरयो।।1।।[…]

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*समय को पहचानो*

हे मित्र! समय को पहचानो,
बस इतना सा कहना मानो,
आलस से यारी मत करना,
ज्यादा होंशियारी मत करना।

ये क्षण में सबको छलता है,
पल पल में रूप बदलता है।
ये टाले से नहीं टलता है,
अपनी ही गति से चलता है।[…]

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इक टक उन को जब जब देखा – ग़ज़ल

इक टक उन को जब जब देखा।
हम ने उन मे ही रब देखा।।१

लोग पुकारे “निकला चंदा”
छत पर उनको कल शब देखा।।२

साँझ सकारे त़का उन्ही को,
आन उन्हीं के कुछ कब देखा?३

“मय के प्याले लगे छलकने”,
माह जबीं का जब लब देखा!!४[…]

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कांई आपरै आ मनगी कै म्है आपनै मार दूं ला?

भरमसूरजी रतनू आपरै समय रा मोटा कवि अर पूगता पुरुष हा। इणां नै मेड़ता रा राव जयमलजी मेड़तिया मौड़ी अर बासणी नामक दो गांम देय कुरब बधायो। भरमसूरजी रा डिंगल़ गीत उपलब्ध हैं। इणी रतनू भरमसूरजी री ई वंश परंपरा में ईसरदासजी रतनू हुया। जद अकबर चित्तौड़गढ माथै आक्रमण कियो उण बखत जयमलजी मेड़तिया री सेना में रतनू भरमसूरजी अर ईसरदासजी मौजूद हा। कह्यो जावै कै भरमसूरजी इण लड़ाई में वीरगति वरी–

चारण छत्री भाइयां, साच बोल संसार।
चढियो सूरो चीतगढ, अंग इधक अधिकार।।

जयमलजी मेड़तिया जैड़ै जबरेल वीर री वदान्य वीरता नै अखी राखण सारू ईसरदास जी ‘जयमल मेड़तिया रा कवत्त’ लिखिया। आ रचना डिंगल़ री महताऊ ऐतिहासिक रचना मानी जावै। रचना री एक बांनगी कवि री मेधा नै दरशावण सारू-[…]

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