— 1 — श्रीगणेशाय नमः श्रीगुरुगणपतीष्ट देवताभ्यो नमः * ॐ नमः श्रीसीतारामाय अथ आढ़ा किसनाजी क्रत पिंगळ रघुवरजसप्रकास लिख्यते ** श्रीगणेस स्तुति छप्पै कवित्त-भाखा मुरधर श्री लंबोदर परम संत बुद्धवंत परम सिद्धिबर। आच फरस ओपंत, विघन-बन हंत ऊबंबर। मद कपोल महकंत, मधुप भ्रामंत गंधमद। नंद महेसुर जन निमंत, हित दयावंत हद।। उचरंत ‘किसन’ कवि यम अरज, तन अनंत भगति जुगत। जांनकी-कंत अक्खण सुजस, एकदंत दीजै उगत।।१ प्रथम भ्रहंम मझ बेद, छंद मोरग दरसायौ। खग अग पिंगळनाग, ‘नागपिंगळ’ कर गायौ।। ‘काळिदास’, ‘केदार’, ‘अमरगिर’ पिंगळ अक्खे। भाखा ब्रज सुखदेव, ‘सुरतचिंतामण’ भक्खे।। लछ भाखा पिंगळ ग्रंथ लख, एकठ बोह मत आंणियौ। रघुबरप्रकास जस […]
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