रघुवरजसप्रकास – किसनाजी आढ़ा

किसनाजी आढ़ा विरचित डिंगल गीतों/छंदों का प्रसिद्ध लाक्षणिक ग्रंथ
संपादक : डॉ.सीताराम लालस
| कड़ी-34 | विषय: मात्रा दंडक छंद वरणण/लछण, छप्पै लछण, कवित छप्पै, अजय छप्पै, यकहत्तर छप्पै नांम कथन
| धारावाहिक श्रंखला – प्रत्येक मंगल, शुक्र एवं रविवार को प्रेषित