आपाणी मायड़ भाषा सोशल मीडिया पर छायगी

आज रे मायड भाषा पेज दैनिक युग पक्स में छपियौडो डिंगळ री डणकार रे बारे में म्हारौ इन्टरव्यू। सगळा हेताळुवां रो आभार जिका इण ग्रुप ने एक सार्थक ग्रुप बणायौ है। आभार खास कर आदरणीय डा गजादान सा शक्तिसुत, आदरणीय गिरधर सा रतनू दासोडी, आदरणीय नवल जी जोशी, आदरणीय मोहन सिंह जी रतनू, आदरणीय राजेन्द्र स्वर्णकार साहब, आदरणीय चंदन सिंहजी भाटी, आदरणीय मोरारदान जी सुरताणिया, आदरणीय मनोज सा मीसण अर दूजा सारां सदस्य मित्र, सुभ चिंतकां रो पण आभार। सारां आदर जोग सदस्यां रो पण अंतस रे ऊंडाण सूं आभार। — नरपत आसिया “वैतालिक”

interview

आभार तिहारो आसिया, आखर तोर अमाम।
डिंगळ री डणकार रो, नामी कीधो नाम।।
~~डा. गजादान चारण “शक्तिसुत”
डींगल रा डंकाह, भड़ बंकाह बाजे भला ।
भारत कै लंकाह, वैतालिक वंकाह सिरै ।।
~~नारायण दान
आज के युगपक्ष में नरपतदानजी का जो साक्षात्कार छपा है उसे अभी अभी पढ़ा है और उनके सोरठों पर तो टिप्पणी भी क्या करूं कि मेरी योग्यता नहीं है।
परन्तु डिंगल री डणकार ग्रुप का एक सदस्य होने के नाते मैं गर्व और गुमेज महसूस करता हूँ। नरपतसा के इस ग्रुप में मुझे स्थान देने के लिए धन्यवाद देता हूँ। इस ग्रुप के हर सदस्य को भी बहुत बधाई देता हूँ।
खासतौर से नरपतसा, मोहनसा, मोरारदानजी, नवलजी, मीठेखांजी, नीतिराजजी, लखावत साहब, मनोजसा सांदू, गजादानसा अर बिजोङा मेंबरान रो भी अभिनंदन अर वंदन करूं सा
~~मनोज चारण (गाडण)
नपसा पत्रिका में छपे लेख को पढ़कर गर्व महसूस हुआ कि में भी इस ग्रुप का सदस्य हूँ।
नपसा आप और डिंगल री डणकार ग्रुप के सभी वरिष्ठ कवीवृंदों को हार्दिक बधाई।
~~रामकिशोर
मायङ भासा मायने, तुरंग तणा की तौल ।
लाखा लोगा लाभसी, मरू साहित रो मौल ।।
आदरणीय नरपत दान सा आसिया को हार्दिक शुभकामनाएं डिंगल़ को जन मानस तक पहुंचाने हेतु ।
~~सान्दू नीतिराज

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