बहुत मुमकिन गुलों पर वार होगा!

🌺गज़ल🌺
बहुत मुमकिन गुलों पर वार होगा!
अगर उस शाख पर ना खार होगा!१

भरोसा ना-खुदा पर जो करे है,
उसी को डूबना मँझधार होगा!२

सफर को खूबसूरत मोड देने,
हुआ रूखसत वो आखिरकार होगा!३

कि उसकी आँखमें सच झलकता था,
किया होंठों नें बस इनकार होगा!४

तमाशे में वही छाया हुआ था,
निभाया क्या गज़ब किरदार होगा?५

शहर में भीड;हलचल सडक पर है,
लगा इतवार का बाज़ार होगा!६

मुझे हर हाल में सच बोलना है,
कि अब जीना मेरा दुशवार होगा!७

गज़ल कहनी मुझें आती नहीं है,
हुआ धोखा तुम्है सरकार होगा!८

झुका है पेड “नरपत” जो अदब से
परख लेना वही फलदार होगा!!९

©नरपत आसिया “वैतालिक”

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published.