भलै काम रो अंत भलो – गीत सोहणो

||गीत सोहणो||

मनवा तूं दर पिछतावो मत कर
भलै काम रो अंत भलो
खूटल कर खोटा खुट जासी
चेत हेत री राह चलो
अंतस राख उसूल अटूटा
खुल़िया खूंटां मती खसै
अवसरवाद जाण मत आछो
धोल़ां नाही धूड़ धसै
बोलण जीभ इमी सम वाणी
श्रवणां काणी राम सुणै
होई नाय सुक्रत सूं हाणी
गाणी व्है सो पैल गुणै
राम तणो विश्वास राखजै
कोड हूंत सत काम करे
दाम नाम आपै वो देसी
धिन बड ठाकुर भीर धरै
पल़का देख मती पोमीजै
कितरै संतां मांड कही
लेखै आ माया लग ज्याणी
सांभल वेदां बात सही
दीनपणो नाही दरसाजै
हीणपणो मत लाय हियै
खुदरी गत ओ जाणै खुद ही
लिखण लेखणी हाथ लियै
जग मे बस बातां रह जाणी
थिरचक वाणी नाय थमै
आसावत गजराज आखवै
हस हसजस ले लाट हमै|

~~डॉ गजादान चारण

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