चकवी अर चकवो

अेक रात री बात बताऊं
सुणी जकी सागण समझाऊं
चकवो चकवी बोलण लाग्या
रात अंधारो तोलण लाग्या
पीपळ पर चकवी रो बासो
चकवै रो बड़ अळगो खासो
बातां करता टेम बितावै
इतरै में आंधी आ ज्यावै
चकवी रो मन डरपण लागै
डरती बड़लै कानी भागै
चकवै री संगत वा चावै
अपणै मन री बात बतावै
चकवो बोल्यो सुण अे राणी
परापरी री रीत पुराणी
रात बिताणी पड़सी न्यारी
मरजादा री कर रखवारी
परापरी रो नेम बावळी
रात बगत रो टेम बावळी
आपांरो इतिहास बतावै
रात साथ में नहीं बितावै
मरजादा टूट्यां सूं गैली
दुनिया में बदनामी व्हेली
तरह तरह रा अनरथ होसी
जदै कोई मरजादा खोसी
सगळां री हद न्यारी न्यारी
हद में रहणो पड़सी प्यारी
चकवो चकवी साथ रवैला ?
सोच लोगड़ा कंई कवैला ?
चकवी रै कंवळै भावां पर
लूण न्हाखियो ज्यूं घावां पर
चकवै वाळी बात अखरगी
बोली चकवा तैं हद कर दी
मिनखां रो डर मनैं बतावै
काळी रातां रोज सतावै
पकड़्यां बैठो रीत पुराणी
जिणमें कांई आणी जाणी
नयै समै री नई कहाणी
बदळ्या राजा बदळी राणी
मिनखां री आंख्यां रो पाणी
सूख गयो सुण ले साच्याणी
चलती सड़कां नार लुटीजै
निरदोसां रा करम कुटीजै
घर, बारै, पोसाळ, बजारां
अबला लुटती देख हजारां
जिण हाथां मरजादा डोरी
बांरी नीयत जाबक फोरी
रिस्ता-नाता तार-तार है
कठै बता मरजाद कार है
नानै नातिन दादै पोती
मानीजी आंख्यां री जोती
पण वां भी मिजळाई धारी
रिस्तां पर चाली दुधारी
ईं धरती पण काण छोड़ दी
फाटण वाळी बाण छोड़ दी
मिंदर मस्जिद अेका ढाळो
धोळै दिन बंदी उजियाळो
चकवा भलां कछू भी कीजे
मिनख तणो म्यानो मत दीजे
मिनख मिनख नैं चावै कोनी
मानव धरम निभावै कोनी
लोपी सब लिछमण रेखावां
क्यूं फिर कूड़ी कार कढ़ावां
सांवरियै री लीला सगळी
मिनखां आज सरासर बदळी
सुणतां पींपळ रोवण लाग्यो
जाणै समंद उफाणै आग्यो
पींपळ चकवी नै पुचकारी
आज्या बेटा रात अंधारी
देखा देखी दौड़ मती ना
धीर धरम नै छोड़ मती ना
मोटा बोल न बोल धीवड़ी
न्याय ताकड़ी तोल धीवड़ी
मिनख खुदोखुद बणग्यो मोटो
मिनखपणै रो आयो टोटो
ज्यूं खूंटां रै खाद न लागै
मोटां रै मरजाद न लागै
मोटां रै मारग मत चाली
लहू लुहान हुज्याली लाली
मोटां बंधियो मरियां छूटै
बठै उजाळा इज्जत लूटै
भलै बामणां ब्याव हुयो है
थारै हाथां न्याव हुयो है
म्हैं देख्यो जगती रो धारो
मिनख घणो ओ कामणगारो
समै बायरो बाजै जैड़ो
ओ बण ज्यावै जाबक बैड़ो
म्हारो गट्टो घणै मरम रो
ओ ठायो हो धरम करम रो
चोर लुटेरा तक सरमाता
इण गट्टे रै सारै आता
झूठ कपट रो न्याय कर्यो म्हैं
कदै नहीं अन्याय कर्यो म्हैं
हर घर म्हारो हो साखीणो
पीपळ रो जीवण लाखीणो
जद ई कोई झूठ बोलतो
म्हारै बो परपूठ बोलतो
म्हारै सामी आतां आतां
साची बात बतातो हातां
काती न्हाती बहू बडेरी
राती माती देती फेरी
पींपळ सींचण सगळा आता
मन री साची बात बताता
अब तू देख कबाड़ो बेटी
गिरगी मानवता हद हेटी
अब भी पींपळ सींचण आवै
गट्टै बैठी कूड़ घूंकावै
सास-बहू री चुगली सारी
सुण सुण कान पाकग्या प्यारी
पींपळ रो ले नाम निकळज्या
झांसां में फंस धोरां ढळज्या
बिन सोच्यां पड़थाव रचावै
पाछै रो-रो जूण बितावै
धोखा खाय कई आ ज्यावै
कई कठै ई कट मर ज्यावै
जकी कुटम री लाज कहाती
फिरै भटकती गोता खाती
पण चकवी थूं डरजे मत ना
मिनखां री गत मरजे मत ना
पंछीड़ां री परकत न्यारी
राखै इज्जत री रखवारी
म्हनैं भरोसो है बस अतरो
थारी अस्मत नैं नीं खतरो
रात अकेली भलां बितावै
दिन भर पगली मौज मनावै
जे तूं मिनखां जलमी होती
रात दिवस दोनूं ई खोती
सुण रे चकवा थूं क्यूं दौरो
थूं तो सागण डालो-बौरो
गरज मिटयां गुजराणी नट्टै
मरजादा रो कांई बट्टै
पाप-धरम रै भाईचारो
के करसी करमां रो भारो
चोरां नै कुण बरजे नाटै
पींपळ गट्टै हिस्सा बांटै
चकवी मन री भोळी-ढाळी
इणरी बात कदे मत टाळी
सावळ सर इणनैं समझाजे
इण विध थारी टेक निभाजे
साख राख थूं थारी सखरी
मत ना देय मिसाल मिनख री
चकवी रोती-रोती रुकगी
उणरी आंख्यां नीचै झुकगी
बोली चकवा माफ करीजे
दरद दाग नै साफ करीजे
सेजां साथ मनां में घातां
वां सूं आछी सूनी रातां
संग रहै पण साथ कठै है ?
हैंडसेक में हाथ कठै है ?
समझौतां री संड़का नापै
आं सूं रिश्ता-नाता कांपै
हेत विहूणां आं रा हेला
गत बिगड़्योड़ा गूंगा गेला
लख चौरासी जूणां मांही
दूजो कुण है मिनखां दांई
चकवा मत पिछतावो कीजे
रीस आयगी माफ करीजे
नेम धरम पर चाल दिखास्यां
सत रै मारग हाल दिखास्यां
पंछी हां पंछी ही रहस्या
खुद नैं मिनख कदे नीं कहस्या।
~~डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”