चामुंडा स्तवन

🌹दोहा🌹
रोमकंद रचियौ मधुर, नरपत मँह नवरात।
चोटीला चामुंड मां, आव सुणै अवदात॥

🌺छंद रोमकंद🌺
भय भंजण गंजण बंड भयंकर, दण्डण दैत समस्त दळं।
वळ रुण्डण मुण्डण माळ धरे वपु, जोत अखंड जळं झळळं।
लिय चौसठ जोगण झुंड नवेलख, कोदंड दंड करं कमळं।
चँड मुंड प्रचंड उदंडण चामंड,अंब कदंब अणंद इळं।1

किरमाळ फणाळ लियां विकराळक, बीस भुजाळ रणां बिहरै।
लख लाल विशाळ चखाळ क्रोधाळक, देव दढाळक दैत डरै।
वपु आभ कपाळक खप्परवाळक,लोवडियाळक आप लुळं।
चँड मुंड प्रचंड विहंडक चामुँड, अंब कदंब अणंद इळम॥2

गजगत्त चलत्त हुंकार गजावत, कट्टक कोटिक थें कटिया।
चट चट्ट दपट्टत दुष्ट चटापट, झट्ट झपट्टत चील जियां।
मदमत्त सकत्त रहत्त सदामद, गंजण भंजण दर्प गळं।
चँड मुंड प्रचंड विहंडक चामुंड, अंब कदंब अणंद इळम॥3

धमराळक गूगळ धूप धजाळक रुप उजाळक बाळ रखै।
करजै लटियाळक खेतरपाळक, धाबळवाळक मात धकै।
रहजै प्रतपाळक मौ कुळवाळक, जोत जगाळक थुं जळळं।
चंड मुंड प्रचंड विखंडण चामुंड, अंब कदंब अणंद इळम॥4

मढवाळक भाखर, मां ममताळक,लोवडियाळक लाल लखो।
करुणाळक सीतळ हे! किरणाळक,खं खपराळक हेत रखो।
घट धातक पातक टाळ धजाळक,देव दयाळक दुःख दळम।
चँड मुंड प्रचंड उदंडण चामुंड, अंब कदंब अणदं इळम॥5

कर कंकण शोभत नूपुर किंकणि, धाबळ माथ विशाळ धरै।
कर कंचण हीरक वाळ कृपाणज, रास सदा नवरात फरै।
भुजबंध अनोपम, ओपत भैरवि,हाटक हार हिये विमळं।
चँड मुंड प्रचंड विखंडण चामँड ,अंब कदंब अणंद इळम्॥6

डमरू डक डाक डमाल डकाडक, झांझ पखाज झमं झममम्।
मुरचंग मृदंगम चंग अनूपम, बीण सितारम मंद रवम्।
धिक ताक तबल्ल नगाड धुरै नित, नाचत नौलख संग मिळं।
चँड मुंड प्रचंड विखंडण चामुंड,अंब कदंब अणंद इळं।7

सुभ आखर बाकर सा समपूं रख ,चाकर भाखर राय चँडी।
करुणाकर मात दिवाकर! कल्पक, साकर दे कविता मिठडी।
खुब दाडम दाखर लाखर नांखर , वारुणि -भाव धरुं विमळं॥
चँड मुंड प्रचंड विहंडण चामुँड, अंब कदंब अणंद इळं॥8

🌹दोहा🌹
चामुँड रा इण छंद री, बडी अनोखी बात।
रीझै सूंधा राय सुण, घट री मेटै घात॥

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