डग-डग माथै खौफ डगर में

lokatantraडग-डग माथै खौफ डगर में,
नागां रो उतपात नगर में।
जिणनै भूल चैन सूं जील्यूं,
(क्यूँ) बात बा ही पूछै बर-बर में।
स्याळ्यां परख्यो जद सूरापण,
नीलगाय रो नाम निडर में।
श्रद्धा, स्नेह न भाव चावना,
कोरी फुलमाळावां कर में।
बब्बर जद घर में घुसज्यावै,
गादड़िया गरजै अम्बर में।
सुर-पेपर अर काग-परीक्षक,
सुधि कोकिला रही सिफर में।
नीत-प्रीत मरजादा निठगी,
कांण कायदा गया कबर में।
साच मांय सांसै रो बासो,
सदा सौराई यार सबर में।
सेख मुरारी जोजफ सिद्धू,
च्यारूं भेळा इण चौसर में।
लव कह जुड़ै, लड़ै झट बिछड़ै,
सौ की जाणै जस-जौहर में।
ह्त्या,जुर्म,ज्यादती,हुल्लड़,
ऐ कद आसी गौण खबर में।
गजलां गीत रचणियाँ गैला,
गजादान कुण गिणै हुनर में।।

~~डॉ गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published.