डूंगरराय री आरती

ऊँ जय मामड़याल़ी मा जय मामड़याली
चारण वंश उजाल़ण चंडी
पाल़ण प्रतपाल़ी
आवड़ रूप अवतरी अंबा
सातूं सतवाली
ऊँ जय मामड़याल़ी।।१
मोहवृति मात तात धिन मामड़
साख सऊवां सचियाल़ी
मेहरख भ्रात हुवो मिणधारी
बहनां बल़शाल़ी
ऊँ जय मामड़याल़ी।।२
भेल़ो नीर हथाल़ी भरियो
हाकड़ हठियाल़ी
जार गई जलनिध नै जोगण
जामण जटियाल़ी
ऊँ जय मामड़याल़ी।।३
आडी ताण अरक रै लोहड़
रोक्यो रढियाल़ी
जीवत दान दियो तैं जरणी
मेहरख मछराल़ी
ऊँ जय मामड़याल़ी।।४
रामत रास मारियो रातड़
बणनै विकराल़ी
भाखल तार लियो भुजलंबा
डोकर डाढाल़ी
ऊँ जय मामड़याल़ी।।५
तेमड़ दैत मार त्रिशूल़ां
कोपी क्रोधाल़ी
माड धरा धिन करी मात तैं
निरभै नेहाल़ी
ऊँ जय मामड़याल़ी।।६
देगराय भादरियै डूंगर
किलकै किरपाल़ी
गरजै तु़ही तेमड़ै गिरवर
चावी चिरताल़ी
ऊँ जय मामड़याल़ी।।७
भीरू होय सेवगां भांजै
घाटा घंटियाल़ी
गुण सह जगत आपरा गाता
माता मतवाल़ी
ऊँ जय मामड़याल़ी।।८
थल़वट थान दासोड़ी ठावो
वसुधा विरदाल़ी
मोखां तुंही विराजै माऊ
जा़गल़ जोराल़ी
ऊँ जय मामड़याल़ी।।९
आखै सुजस गिरधर तो आया
छाया छतराल़ी
राखै संभल़ होय नै राजी
माजी मुदराल़ी
ऊँ जय मामड़याल़ी।।१०
~~गिरधरदान रतनू दासोड़ी