🌹गणितिक प्रहेलिका काव्य🌹

पुराने जमानें में साहित्य चर्चा ही प्रधानतया लोगों के मनोरंजन का जरिया हुआ करती थी क्योंकि टीवी , सिनेमा आदि का आविष्कार नहीं हुआ था| पहेली और आडियो का भी प्रचलन मनोविनोद के लिए खुब हुआ करता था| ऐसी ही एक काव्यात्मक गणितिक प्रहेली आप सबको सादर| यह पहेली ब्रह्मसंहिता पुस्तक में दी गई है| ब्रह्म संहिता जो कि ब्रह्मानंद स्वामी का जीवन वृतांत है जो कि जामनगर राजकवि मावदान जी (कालावाड) ने लिखी थी| ब्रह्म संहिता के लेखक के अनुसार यह गाणितिक कूट पहेलिका काव्य ब्रह्मानंद स्वामी के पास से सद्गुरू गुणातीतानंद स्वामी ने लिखकर नोट किया था| गुणातीतानंद स्वामी के पास से सदगुरू बालमुकुंद दासजी ने इस काव्य को उतारा और बाल मुकुंद दासजी के पास से नारायणदास जी स्वामी ने नोट किया था| नारायण दास जी ने ब्रह्म संहिता के लेखक को यह गणितिक प्रहेलिका कूट काव्य लिखवा कर समझाया था|

🌹पहेली🌹
🌸दोहा🌸
अठाइस इक नाव में, बीलदान हबसान|
भार गुराब बुडन लगै, तब किन बुध्धि सुजान||१
फिरत बिठावत नाव में, करतहि बात बिचार|
नव गिनकर ईक नाव से, दो समदर में डार||२

समंदर में २८ नाविक एक जहाज में थे| जहाज जब डूबने लगा तो नाविक कहने लगे की इस जहाज में से अगर चौदह आदमी कम होंगे तभी नाव किनारे तक पहुँचेगी वरना सारे डूब जाएगे| तो जो चौदह हब्शी (अश्वेत) नाविक थे वे श्वेत नाविक लोगों को बलात बाहर फेंकने लगे तो एक चतुर श्वेत अंग्रेज को युक्ति सुझी और उसनें सबको समझाया कि कृपया झगडे नहीं| उसने सबको कहा कि हम सब २८ लोग एक वर्तुल बनाकर बैठते है फिर मैं गिनती करके नौ(९) नंबर तक गिनुंगा| जिसका गिनती में नवां नंबर आएगा उस को समंदर में फैक देंगे| इस तरह एक से लगाकर नौ तक की गिनती हम चौदह बार करेंगै| श्वेत अंग्रेज की इस बात के छलावे में सारे निग्रो(अश्वेत) लोग आ गए, और गिनती में जिसका नंबर ९ आए उसने समंदर में कूदना पडेगा इस बात को कुबूल कर लिया|

🌹समाधान🌹
🌸सवैया🌸
एक श्याम सदा दोउ लाल मुदा तिन काल स्वरूप सदा चितआनौ|
उज्जवल एक, उभै पुनि श्याम रू, द्वैत हि श्वेतहि, हाथ भुलानों||
एक हि श्याम रु चार हि उज्जवल चारहि कालहि एक धुलानो|
दोनुहि श्याम रू लाल त्रिहु गिन एक हि श्याम रू एक उजानो||

(१+२+३+१+२+२+१+४+४+१+२+३+१+१=२८)

ganitiyapaheli

 

उसने एक अश्वेत निग्रो को बिठाकर फिर दो अंग्रेज, फिर तीन नीग्रो, फिर एक अंग्रेज, दो नीग्रो, दो अंग्रेज, एक निग्रो, चार अंग्रेज, चार निग्रो, एक अंग्रेज, दो निग्रो, तीन अंग्रेज, एक नीग्रो, एक अंग्रेज| सवैया के हिसाब से सबको बिठाया बाद में सबसे पहले जिसको बिठाया था उससे गिनती शुरू कर नौवे नंबर वाले पर रूका जो निग्रो था| उसे समंदर में डाल दिया| उसके बाद उससे आगे वाले की एक से नौ तक गिनती कर नौ नंबर वाले को समंदर में डाल दिया| इस तरह चौदह बार गिनती की पुनरावृत्ति कर सारे निग्रो को उस चतुर अंग्रेज ने युक्ति से समंदर में एक एक कर फिकवा दिया और सारे अंग्रेज साथीयों को बचा लिया| (आप इस को स्वयं भी इसे सफेद और काले छोटे पत्थर रखकर उपर दिये हुए विवरण के हिसाब से गणित के इस कूट प्रश्न पर हाथ आजमा सकते है|)

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2 comments

  • Swami Brahmdarshan

    हम ईस वेबसाईटको बनानेवालो को बहुत धन्यवाद देना चाहते है.
    और साथ में यह गुजारिश भी करते है की आप ईस कार्यको अधिक से अधिक कीजीए भगवान आपको अधिक शक्ति प्रदान करे ऐसी शुभकामनाए.

    जय श्रीस्वामिनारायण

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