गिणिया दिन तो गया गिमार

गीत वेलियो
ठगपण रै मांय मुलक नै ठगियो
धन कियो भेल़ो हर धूत।
आडो नाय सिल़ी सम आयो
जमड़ां जदै मेलिया जूत।।१

चोरी करण रख्यो घण चेतो
जारी मांय लगायो जीव।
भूल गयो भगवत नै भोदू
नरकां तणी लगाई नीव।।२

ऊंधा करम किया तैं अणहद
बहियो नको धरम री वाट।
पाजी तूंझ अबै पिछतायो
तण हद जूत दिया जम टाट।।३

भलपण री राह बह्यो नह भोल़ै
छल़ बल़ तणी धारियां छात।
खल़ तैं कियो जमारो खैरूं
लीजै अबै जमां री लात।।४

किरता नाम लेवतां काठो
दिल में हरख चितारै दाम।
कल़प्यां अबै लगै की कारी
राख्यो नाय रिदै में राम।।५

चुगली मांय रखी चातुरता
बुगलै वेस भिड़ाया वीर।
एको चाल काम नह आई
तणिया जदै जमां रा तीर।।६

राघव नाम लियो नह रुल़पट
हतिया जीव घण निज हाथ।
जीबां स्वाद रैयो जग जोतां
झूंबी जम री आय जमात।।७

चिणिया रहग्या महल चौबारा
गिणिया दिन तो गया गिमार।
मूढ गीधा फेर्या नह मिणिया
चवड़ै हर रो नाम चितार।।८

~~गिरधरदान रतनू दासोड़ी

Loading

One comment

  • गिरधारी दान रामपुरिया

    गिरधरसा ,नपसा शक्तिसुत सासब घणा रंग आप री रचनावां नै

Leave a Reply

Your email address will not be published.