गीत देश दसा रो
गीत प्रहास साणोर
देख देश री दसा नैं बिगाड़ी दुरजणां,फसादां करी नै मोज पावै।
रसा पर माजनो गमावै रसा रो,उणी नै देख नैं गसा आवै।।१
ऊजल़ा वेस रू बोल हद ऊजल़ा,गजब री कल़ा जन जोड़ गाटै।
मोकै रा मारणा कौल कर मारका,खल़ा हद वोट रा बोल खाटै।।२
झांसा दे भासणां आफरो झाड़णा, धाड़ा नित धाड़णा दीह धोल़ै।
गिलच निज जातरी धजा ले गाडणा,गुणां रा छाडणा जैर घोल़ै।। ३
देश हित तणी कुण विचारै दिलां में,लोभ निज हितां रो सरब लागो।
न्याव अन्याव री आज कुण निवेड़ै,ठावका लागिया करण ठागो।।४
चहुंवल़ चकर हड़ताल़ रा चालणा,घालणा लफंगा देश घाटै।
त्याग दी लोभियां वाट वा त्याग री,कोढिया आपरा पाव काटै।।५
अदावै गरीबां रोज रा अलामी,रुगड़ पत लूट नै बूंट राल़ै।
कानून नै गिणै कुण गिणै कुण कायदो,फायदो आपरो धीठ फाल़ै।।६
विटल़ प्रधान रू हजुरी विटल़िया,सिटल़ सह नांखदी लाज सारां।
मसकरा उडावै राज री मसकरी,तसकरी वल़ोवल़ हुवै तारां।।७
भ्रष्टाचार आचार गांधी तणी भोम पे,कोम सह कीच में कल़ी काठी
हुवै कुण निकाल़ण बहै जो हरावल़,पढ्या सह ऐकठा एक पाटी।।८
जात भाषा तणा झोड़ जंगी जुड़ै,चहुंवल़ दुरंगी रचै चाल़ा।
जामणी जायां पर जोर हद जतावै,प्रांत रै नाम पर माँड़ पाल़ा।।९
मंदिर मसीत रै नाम पर मोकल़ा,हाथ सूं घात कर गात होमै।
मरै बिन नाज ओ आज रो मानखो,पापिया चाढ प्रसाद पोमै।।१०
पत्थर री रुखाल़ी किया पड़कोट ऐ,पोट इम माल री मोट पावै।
चोट विसवास पर करै नित चोरटा,खाट जिण ओट में रोट खावै।।११
दफतरां मांयनै मची आ रोल़दट,अफसरां झालली रुगट आछी।
धका कर धपटमा उडावै धोपटा,सूंक ले कपट री दपट साची।।१२
बेख वौपारियां तणी बदनीत आ,खोट कर माल में तोल खोटा।
लूट किरसाण नै पनपिया लालची,अनीती तणा इम लेय ओटा।।१३
औरतां तणी नित लूटिजै आबरू,पड़ी दुरजोधनां देख पानै
दुसासण मांयनै फैलिया दुसासण,करै नीं कानड़ो साद कानै।।१४
सीर री माय नै खाय र्या स्याल़िया,दसा इण देश री जेम देखो।
गिरधरो कहै छै सांभल़ो गुणियणां,लेवूं किण बात रो सरब लेखो।।१५
~~गिरधरदान रतनू दासोड़ी