जाग -जाग रै वोटर जाग!

मतदातावां नै समर्पित
**
जाग-जाग रै वोटर जाग!
सो मत रै भारत रा भाग!!
इतरा वरस आऴस मे़ं खोया!
खोटा मिणिया माऴा पो।
भारत री तकदीर बदऴदे,
वांनै अज तक क्यूं नीं जोया?
जात पांत रा गुंथिया जाऴा।
प्रांतवाद रा मंडिया पाऴा।
धर्म धजा री ओट मांय ऐ,
ऊजऴै तनसूं मन रा काऴा।
उगऴै जहर जीबां सूं निस दिन,
देश मांय पसराई आग!
जाग जाग रै वोटर जाग!
थारा देख धणी है कितरा!
बै हक देख जतावै इतरा।
तूं तो देव जाणनै पूजै,
ऐ तो कपटी जाणै जितरा !
नितरा देख गिणावै माथा।
दुख में पूछै नाही साता।
झांसा देय झटकलै पद तो,
बणै उणी सूं ऐ अन्नदाता।
तूं फिरै भटकतो आंरै द्वारै।
आंरै चरणां थारी पाग!
जाग जाग रै वोटर जाग!!
परख नहीं है खरै खोटै री।
बात करै है सफा दोटै री।
तू़ं ई थारो दुसमण भाई,
सोच नहीं है नफै तोटै री।
इण विध कीकर पार पड़ैला।
आजादी किण भांत गिड़ैला।
लठ बाजी सूं राज चलेला।
संविधान तो देख सिड़ेला।
आंख्यां मींच करै अंधियारो ,
कीकर सूझै सुऴटो माग?
जाग जाग रै वोटर जाग!!
जात पांत में बंटियो भाई!
अंतस में खोदी है खाई।
सिमट गयो थारै में तूं तो।
आ तो कुबद सफा ई आई।
आंखै खोल देस नै देखै।
गयो धन लाली रै लेखै।
हथणी चूक घालै कर माऴा,,
बै छाती अबऴां री छेकै।
तनै वर्तमान रो सोच नहीं है।
नहीं तनै भविस रो थाग!
जाग जाग रै वोटर जाग!!
ऐ तो मान गजब रा गोऴा।
बातां सूं विलमावै भोऴा।
आंरा घट घातां सू़ं भरिया।
देवै चकासो थारै दोऴा।
अपणी भलपण देख प्रकासै।
चुगो फैंकनै चिड़िया फासै।
आं सूं देख उबरसी बो ई
ललचायां बिन निकऴै पासै।
बण मत भोदू एक रति भर।
समझ सुरीली मीठी राग!
जाग जाग रै वोटर जाग!!
नवा डाव नितरा ऐ खेलै।
जिणरी मार तूं ई तो झेलै!
पुटियै नै प्रधान बणायर,
बहम निरभै रो पाल़ै लेलै।
आंरै पासै साच कठै छै?
पतियारै सा वाच कठै छै?
लासां ऊपर रोटी सेक’र,
ऐ तो करर्या नाच अठै छै!!
दूध पायनै भोल़ा भाई,
आस्तीन में पाल़ै नाग!
जाग !जाग! रे वोटर जाग!!
~~गिरधरदान रतनू दासोड़ी