श्री करणी स्तुति – जय जय भवानी अम्बिके – ठा. केसरी सिंह बारहट

चारण समाज के नवजागरण के पुरोधा समाज सुधारक एवं क्रांतिकारी चिन्तक ठा. केसरी सिंह बारहट द्वारा रचित यह माँ करणी की स्तुति चारण छात्रों में अत्यंत लोकप्रिय रही है। चारण छात्रावासों में वर्षों से यही स्तुति गाई जाती रही है। इसे विशेषकर छात्र / छात्राओं को दैनिक पाठ के रूप में सिखाएं। सस्वर सुनने के लिए उपरोक्त विडियो लिंक पर क्लिक करें।
।।श्री करणी स्तुति।।
जय जय भवानी अम्बिके, करणी तुम्हारी शरण हम ।।टेर।।
बहुत सोये गाढ निद्रा, चाहते जागरण हम।
स्वातंत्र्य की तूं महासागर, तेरेही हैं निर्झरण हम।।1।।
जय जय भवानी……………….
क्षात्र बल का उद्धरण मां, तूने किया अनुसरण हम।
परमार्थ मे बलिदान अपना, कर सिखा दे मरण हम।।2।।
जय जय भवानी……………….
संतान सच्चे अभय हों, तेरे ही तारण तरण हम।
सामर्थ्य दो मां कर सकें, यह सिद्ध चारण वरण हम।।3।।
जय जय भवानी……………….
वाहन तुम्हारा केहरी, वर मांगता अशरण शरण।
हे असुर मर्दिनी चंडिके, भूलें न तेरे चरण हम।।4।।
जय जय भवानी……………….
~~ठा. केसरी सिंह बारहठ
Jai maa karani