काळे डूंगर राय रे

काळे डूंगर राय रे, नित मढ बजै नगाड।
गरजै घन जाणक गगन,आवत मास असाढ॥129
काळे डूंगर राय है,भाखर री भूपाळ।
सात बहन सँग ब्राजिया,खेलत खेतरपाळ॥130
कमळ दळां आसन करै, आवड मावड आप।
काळै डूंगर राय मढ,बैठा थें मां बाप॥131
काळे डूंगर राय मढ,आवड मां अधिराज।
छह बहनां दीवानजी,करै भगत रा काज॥132
काळे डूंगर राय मढ,आवड वड अधिराज।
संग भैरव सेनापति,करै भगत रा काज॥133
काळे डूंगर राय मढ,जळहळ होवै जोत।
सूरज चंदा सारखा,आगे जेण खधोत॥134
काळे डूंगर राय मढ,झालर री झणणाट।
शंख बजै भेरी बजै,बाजै ढोल विराट॥135
काळी कांठळ भेळियो,धणियांणी मां धार।
आवड मरुधर ऊपरां,वरसै अनराधार॥136
“आवड आखै आसिया” से
~~नरपत दान आसिया “वैतालिक”