कांई आपां जमीर बेच चूका?

कांई आपां जमीर बेच चूका?
ओ खाली म्हारो अबल़ेखो ई है
कै आपनै ई लागै
म्हारी बात में
कठै ई तंत !!
कांई आपनै
नीं लागै
कै
आपां में अबै
नीं रह्यो जमीर जीवतो
जद ई तो
आपां
किणी बलात्कारी रै
पख!! कै विपख में
बोलण सूं पैला
तोलां उणरी ताकत
देखां उणरी जात!!
जात री ओकात पण देखा!
नीं,इतरै सूं
नीं धिकावां धाको
बल्कि
देखां नाम रै साथै
जुड़्योडै
राम कै रहीम नै!!
पछै कीं बोलण सूं
पैला तोलर काढां
आखर।
कै राम रो बंदो
हुवतो
तो नीं करतो
इतरो गिलचपणो
कै पछै बोलां
कै
रब में इतबार
करणियो
यूं नीं करतो मानवता नै शर्मसार!!
कांई आप मानो
कै कोई जमीर राखणियो
इयां बांट सकै
कै जबरजिन्ना करणियो
कुण है?
कुराण रो पाठी
कै
गीता नै गुंजै में राखणियो!!
म्हैं कांई ?
आप ई सावजोग जाणो कै
चुगो चुगती चिड़कली
माथै झपटणियो सिकरै
कै
प्रीतम री प्रीत रा
गीत उगेरती
किणी गवरल
रा गाभा हरणियै
राकस री कोई
जात होवती होसी?
नीं ऐ तो फखत
मांस नोचणिया है!!
इणां नै जात रा
मानता हुवोला
तो पछै कुजात
कैड़ी होवती होसी?
कांई चिलकती
चादर कै
धोल़की टोपी री
आब उतरणियै नै
मिनख मानण
री धीठता
करणियां में कठै ई
हुवतो हुसी जमीर?
म्हनै तो नीं लागै!!
आपनै लागतो हुवैला छो!!
म्हनैं तो पतियारो है कै
आपां बेच चूका जमीर
छतापण नीं बेचियो है!!
तो अडाणै तो राख ई
चूका जमीर
जद ई तो
आपां में
डर है कै
बलात्कारियां नै
दुत्कारियां
आपां नै कठै
ई लैणै रा
दैणा नीं पड़ ज्यावै!!
अर आपांरै इण पोचापणै नै ऐ
पाप रा पूतला जाणै है
जणै ई तो कणै ई आठ री
तो कदै ई साठ री !!
आंरै जैरीलै नखां सूं
लोहीझाण हुयोड़ी
गिरणती मिलै
कदै थारी गल़ी में
तो कदै म्हारी गल़ी!!
अर आपां उणनै आपांरी मानण सूं
रैवां कतरावता
एक अदीठ भोताड़ सूं।
~~गिरधरदान रतनू “दासोड़ी”