किरियावर

आप सही फरमावो हो
कै
आपरो किरियावर है
म्हारै बडेरां माथै!
म्हारै माथै!
मोटोड़ै मिनखां!
म्है कीकर विसराय सकूं
किरियावर आपरो?
आपनै तो शायद
पांतरो पड़ग्यो होवैला
पण
म्हनै चेतो है
कै
परकै चौमासै
आप भिल़ायो हो
खेत म्हारो
खल़ै में खंखेरियोड़ा
मोठ खड़ाया हा आप
आपरो माईतपणो बतावण नै
कै
राज गयां रीत नीं जावै री
बाण कायम राखण नै।
म्है कीकर भूल सकूं हूं?
आप भर भादवै में
म्हारी भूरोड़ी झोटी कढाय
म्हारै टाबरियां नैं
भुगताया हा लूखासणै सूं!
मारिया हा मधीणै।
आप ही तो
म्हारै रातियै ऊंठ नैं
घाल़ रै मिस पायो हो-
उकल़तो नीर
अर
बो मर पड़ियो हो
म्हारी आंख्यां रै साम्हीं
खुरड़ा खोतरतो झोख में।
आप ई तो सिल़गाई ही
होल़ी रै मिस म्हारी बागर!
म्हनै पांतरो नीं पड़ै
आपरै किरियावर रो।
आपरी ई तो मीट
म्हारै घर माथै ही
जिणसूं उथप
छेवट घर री पत राखण नैं
घर री पत कूद पड़ी ही
तल़ै में।
म्है कांई कर सकतो हो?
रोटी-रोटी बिलखतै बाल़कियां नै देख!
क्यूं कै म्है तो दब्योड़ो हो
थांरै किरियावर सूं!
भलोड़ै मिनखां!
आप ई तो भांगिया हा
म्हारी गाय रा सींग
म्है उणरी झरती
आंखियां देख
आंसू नाखण रै टाल़
चूं तक नीं कर सक्य़ो
बल़तै काल़जै
फखत काढ सक्यो हो
गाल़ होठां रै मांयां री मांय
कै इसड़ै
पापी रो लीजै
भख भगवती!
कांईठा?
बा ई दब्योड़ी ही कै
डर्योड़ी ही थांरै सूं
जदै ई तो थांरै पाखती तक नीं पूगी
अर
म्हारी दुरासीस सूं
नीं आई थांरी आंख ई दूखणी!
आपरा हाथ लंबा है
पूग सकै है किणी रै ई
गल़ै तक
आप किणी रो ई
अल़ो-तल़ो
कढा सको हो
पछै कुण पाल़ै आपसूं वैर?
सिलाम सटै
कुण करै भुवाजी नै रीसाणा?
जदै ई त़ो बखाणूं हूं
आपरी कुटल़ाई नैं
किरियावर रै रूप में।
~~गिरधरदान रतनू “दासोड़ी”