मुरधर नगर मथाण

पहर एक परभात रा, अमर रुकूंली आण।
पण पूरै परमेसरी, मुरधर नगर मथाण।।1
आई राखै आजतक, मह वचनां रो माण।
पहर राजै प्रभात री मुरधर नगर मथाण।।2
मोटो कीधो मेहजा, पात परै रख पाण।
इल़ साखी अमरेस री, मुरधर नगर मथाण।।3
चाखड़ियां निज चावसूं, जगतँब राखी जाण।
साजै ज्यांरी सेवना, मुरधर नगर मथाण।।4
कैर तिहाल़ो करनला, कीरत रो कमठाण।
लहर कीधी धर लोहड़ी, मुरधर नगर मथाण।।5
अमर करी अरदास तद, जद आई जोधाण।
वल़तां पग कीधो विमल़, मुरधर नगर मथाण।6
महर तिहाल़ी मेहजा, अमर हुवो अमराण।
देवपुरी सी धर दुरस, मुरधर नगर मथाण।।7
व्यापै नाही वेदना, हुवै न अगनी हाण।
वर तैं.दीधो बीसहथ, मुरधर नगर मथाण।।8
पावन समै प्रभात रो, वाणी पावन बाण।
जपै सुजस जगतंब रो, मुरधर नगर मथाण।।9
थाट थिरै रै थावजै, जग निज छोरू जाण।
एम कयो अमरेस उण, मुरधर नगर मथाण।।10
इल़ा सुतन अमरेस रा, राजै रोहड़राण।
साजै सुधमन सेवना, मुरधर नगर मथाण।।11
~~गिरधरदान रतनू “दासोड़ी”