नमो जुड़दै नाम

सुण मोदी सरकार, सुणो तो दरद सुणावां।
मुलक आजादी मांय, क्यूं न आजाद कहावां।
रहां भोम रजथान, मान-मरजाद न मोड़़ां।
हरदम रह हद मांय, जस्स रा आखर जोड़ां।।
मदद कर्यां गुण मानस्यां, अदद अेक अरदास है।
गजराज कहै मोदी गुणो, (म्हानैं) थांसूं अणहद आस है।। 01।।
सबळ हिंद संविधान, बाण जिणरी हद बांकी।
हिरदै रखां हमेस, जिकण री सुंदर झांकी।
अधिकारां सूं अवल्ल, नित्त कर्त्तव्य निभावां।
सुभट जाय संग्राम, वतन री लाज बचावां।
बस इतरी सी है वीनती, (म्हारै) ताळो रसनां तोड़द्यो।
अष्टम् अनुसूची मांयनै, (म्हारी) राजस्थानी जोड़द्यो।। 02।।
अेक पखै आजाद, पख्ख बीजै परतंतर।
बोली माथै बंध, सांस लेवण सुतंतर।
मन में मुरझै मोद, दरद दिल मांय दबावां।
वाणी बिना विशेष, बात किण भांत बतावां।
विगत रा ज्ञान-विज्ञान सब, मायड़ भासा में मिळै।
कंठ करोड़ करुणां करै, (पण) संविधान नहीं सांभळै।। 03।।
है सूरज हिंदवाण, जको रजथानी जायो।
पातल राण प्रताप, मुलक में माण बढायो।
मीरां री महमाय, अलू ईसर उपजाणी।
आ पन्नां री अंब, रीत मरजाद रखाणी।
बा मायड़ जो बड़भागणी, आज अभागण आम यूं।
आ आस लियां देखै अटल, नमो जुड़ादै नाम थूं ।। 04।।
नमो जुड़ादै नाम, हाम पावर तो हातां।
नमो जुड़ादै नाम, बणै बिगड़ंती बातां।
नथी करीजै नाट, काट अणहूती कारां।
जुड़तां ही जसगान, उरां आसीस उचारां।
अब नाम जोड़ निरभय करो, धिनो हिंद रा हे धणी।
झट बोल विवेकानंद बण, (थारी) ज्ञान गिरा गहरी घणी।। 05।।
~~डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”