ओल़्यू

olyoon

सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें

बालमजी नें जाय कहिजो रे आवो म्हारै देस!
ओल़्यू थांरी आवे म्हानैं रे छोडो परदेस!!

बागां में कोयल बोले रे, भँवरा भटकेह!
पण थां बिन पुरी प्रथमी रे, खाविंद खटकेह!!
एकर अरजी म्हानौ मारी रे छोडो परदेस रे थें छोडो परदेस!
बालमजी नें जाय कहिजो रे आवो म्हारे देस!

काचरा मतीरा खास्यां रे, खास्यां आछा बेर!
आवौ थें जद भेल़ां जिमसां रे, सांगरियां अर केर!!
आप ने मनावण सारू रे,
आप नें रिझावण सारू रे,
धरस्यां राजस वेस रे मैं धरस्यां राजस वेस!!
बालमजी नें जाय कहिजो रे आवौ म्हारै देस!!

बाट थांरी उडीकंता रे, आंखडियां रातीह!
आंगल़ियां पण म्हारी घिसगी रे, लिख लिख पातीह!
अबे तो पधारो आलम रे,
अबे तो पधारो बालम रे,
हुआ चांदी केश रे म्हारा हुआ चांदी केश।
बालमजी नें जाय कहिजो रे आवो म्हारै देस!
ओल़्यू थांरी आवै म्हानै रे छोडो परदेस!
आवो म्हारै देस!

~~©वैतालिक

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published.