रघुवरजसप्रकास – किसनाजी आढ़ा

चारण किसनाजी आढ़ा विरचित

रघुवरजसप्रकास

संपादक : डॉ.सीताराम लालस

 

राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर
वि.सं. २०१७ (ई.सं. १९६०)

 


| कड़ी-95 | विषय: काछो, सवैयौ
| धारावाहिक श्रंखला – प्रत्येक मंगल, शुक्र एवं रविवार को प्रेषित


 

— 278 —

अथ गीत काछौ मात्रा समचरण छंद लछण
दूहा
धुर-अठार चवदह दुती, बारह तीजी बेस।
तीन कंठ धुरतुकतणा, मत चौमाळ मुणेस।।२१७
मुण बी तुक छाबीस मत, तीन कंठ तिण माह।
पूरब अरध तुकंतरै, अंत लघु आ राह।।२१८
तुक तीजी अठवीस मत, बेद छबीस बिचार।
त्रण त्रण कंठ तुकंत लघु, चौथीतणै उचार।।२१६
अन दूहां धुर तुकतणै, मत चाळीस मंडांण।
छावी बीजी चतुरथी, ती अठवीस प्रमाण।।२२०
अनुप्रास गुरु अंत अख, भण तुकंत लघु भाय।
जपियां आछौ रांम जस, काछौ गीत कहाय।।२२१

अरथ
काछा गीत तुकां च्यार दूहा प्रत जिण रै मात्रा प्रमांण। पै’ली तुक मात्रा चौमाळीस। कंठ तीन पै’ली तुक में होय। पहलौ कंठ तौ मात्रा अठारै ऊपर होवै। दूजो अनुप्रास मात्रा चवदै पर होवै। तीजौ अनुप्रास मात्रा बारै पर होवै। पै’ली तुक तीन अनुप्रास गुरुवंत होवै। मात्रा चौमाळीस होवै। तुक दूजी मात्रा छाईस होवै। अनुप्रास तीन। पै’ली कंठ मात्रा नव पर। दूजी कंठ मात्रा सात पर। तीजी कंठ मात्रा दस पर। तीसरौ पूरवारध नै उतरारध दोनों ही लघु अंत होय। तुक तीजी मात्रा अठावीस (अठाईस) तीन कंठ होय। चौथी तुक मात्रा छाईस तीन कंठ होय। यूं ही सारा गीत री अेक तुक प्रत कंठ तीन तीन गुरु कंठ होय। दूहा रै तुकंत लघु होय। और सारा ही गीत रा दूहां प्रत मात्रा प्रमाण कहां छां। पै’लो तुक मात्रा चाळीस होवै। दूजी तुक मात्रा छावीस होवै। तीजी तुक मात्रा अठावीस होवै। चौथी तुक मात्रा छावीस होवै। यूं तीन ही लारला दवाळां मात्रा होवै, जिण गीत नै काछौ कहीजै। चार ही तुकां मात्रा सम नहीं, जीसूं असम चरण छंद छै।


२१७. दुती-दूसरी। कंठ-प्रनुप्रास। धुरतुकतणा-प्रथम चरण के। मत-मात्रा। चौमाळ-चवालीस। मुणेस-कह।
२१८. मुण-कह। बी-दूसरी। छाबीस-छब्बीस। तिण-उस। माह-में।
२१९. अठवीस-अठाईस। बेद-चार, चतुर्थ। छबीस-छब्बीस। त्रण-तीन। चौथीतणै-चौथी के।
२२०. अन-अन्य। दूहां-गीत छंद के चार चरणों के समूह का नाम। धुरतुकतणै-प्रथम चरण के। मंडांण-रख। छावी-छब्बीस। बीजी-दूसरी। ती-तीसरी। अठवीस-अठाईस।
२२१. अख-कह। यूं-ऐसे। गुरुवंत-जिसके अन्त में गुरु वर्ण हो। छाईस-छब्बीस।

— 279 —

अथ गीत काछौ उदाहरण
गीत
पहपत रघुपती दत झौक पांणां।
वदत सुज कथ वेद-वांणां सधर पांणां साहणौ।
सारंग बांणां, जुध सझांणौ पण मुड़ांणां पूठ।।
सुखवर सुरांणां, गौ दुजांणां माघवांणां सुख मिळै।
मह जिग मंडांणां थांणथांणां दैत घांणां दूठ।।
धनक सायक भुजाधारी, तेण रज रिख नार तारी,
पायचारी पंथ में।
मिथळाविहारी स्रीमुरारी रमां नारी रंज।।
पह छत्रधारी मिळ अपारी मांग हारी मंडळी।
धनु जेणवारी रांवणारी जटाधारी भंज।।
पित आय सचित प्रकासे, वीर वट-पंच वासे,
असुर नासे आहवां।
भय मेट दासे विरद भासे, खळां त्रासे खूर।।
पड़ लंक पासे जंग जासे, अत प्रकासे आवधां।
ग्रीधां ढीगासे मांस ग्रासे, सुज हुलासे सूर।।
करण भूपत देव काजा, मांण रख गौदुज समाजा,
क्रीत पाजा दध कहै।
ते सुकव ताजा ब्रवण बाजा, गजां राजा गांम।।
छज ऊंच छाजा दिलदराजा, जेत वाजा जंगियं।
लख राख लाजा संत साजा, महाराजा रांम।।२२२


२२१. यूंही-ऐसे ही।
२२२. पहपत (पृथ्वीपति)-राजा। दत-दान। झौक-धन्य-धन्य। पांणां-हाथों। वदत-कहता है। सुज-वह। कथ-कथा। वेद-बांणां-वेदवाणी। सधर-दृढ़। साहणौ-धारण करने वाला। सारंग-विष्णु के धनुष का नाम। वांणां-तीरों, बाणों। सुरांणां-देवताओं। दुजांणां-ब्राह्मणों। माघवांणां-इन्द्र। मह-पृथ्वी, महान। जिग-यज्ञ। मंडांणां-रचा गया। थांणथांणां-स्थानों-स्थानों। दैत-दैत्य। घांणां-नाश। दूठ-दुष्ट। धनक-धनुष। सायक-बाण, तीर। तेण-उस। रज-धूलि। रिख-ऋषि। पायचारी-पदचारी। पंथ में-मार्ग में। रमां-शत्रुओं। रंज-दुख। पह-योहा। छत्रधारी-राजा। अपारी-असीम। मांण-मान, गर्व। मंडळी-समूह। धनु-धनुष। जेणवारी-जिस समय। जटाधारी-महादेव। भंज-तोड़ दिया। वट-पंच-पंचवटी। वासे-निवास किया। नासे-नाश किया। आहवां-युद्धों। खळां-राक्षसों। खूर-समूह। ढीगासे-ढेर, समूह। ग्रासे-भक्षण किया। हुलासे-प्रसन्न हुए। सूर-सूर्य। दुज-ब्राह्मण। क्रीत-कीर्ति। पाजा-पुल। दध-समुद्र, सागर। ब्रवण-देने को। बाजा-घोड़े। छज-शोभा। ऊंच-ऊंची। छाजा-शोभा देती है। दिलदराजा-उदार दिल, दातार।

— 280 —

अथ गीत सवैयौ वरण छंद लछण
दूहौ
दोय सगण पद च्यार दख, पंचम चव सगणांण।
सावझड़ौ कह चरण ब्रती, जिकौ सवायौ जांण।।२२३

अरथ
सवायौ गीत वरण छंद होय जिणरै तुक पांच, दूहा अेक प्रत होय। तुक अेक प्रत सगण दोय आवै। अखिर छ आवै। इसी तुक च्यार होय। पांचमी तुकमें च्यार सगण गण पड़ै। अखिर बारा होय। पांच ही तुकांरा मोहरा मिळै, जिणसूं सावझड़ौ सवायौ गीत जांणजै।

अथ गीत सवैयौ उदाहरण
गीत
थिर बूध थटौ क्रतहीण कटौ, दुख ओघ दटौ मह पाप मटौ।
रिववंसतणौ रिव रांम रटौ।।
तन खेत तजौ मत सुद्ध मजौ, सुभ रीत सजौ वड संत वजौ।
भव तारण कौसळनंद भजौ।।
हिय लोभ हरौ धख पुन्य धरौ, क्रत ऊंच करौ सुरराज सरौ।
रघुनायक दायक मोख ररौ।।
मन भाव मढौ दुज सेव दढौ, गुरु वेण गढौ चित रंग चढौ।
पतसीत सप्रवीत सप्रवीत पढौ।।२२४


२२३. दख-कह। चव-कह। सगणांण-सगण गण। अखिर-अक्षर।
२२४. थिर-स्थिर, अटल। बूध-बुद्धि। थटौ-धारण करो। क्रतहीण-पाप। कटौ-काट डालो। ओघ-समूह। दटौ-नाश कर दो। मह-महान। मटौ-मिटा दो। रिववंसतणौ-सूर्यवंशका। रिव-सूर्य। खेत-क्षेत्र। तजौ-छोड़ दो। वजौ-कहे जाओ, प्रसिद्ध हो। भव-जन्म, संसार। कौसळनंद-श्री रामचंद्र भगवान। धख-इच्छा। क्रत ऊंच-उत्तम कार्य। सुरराज-इन्द्र। दुज-ब्राह्मण। दढौ-दृढ़ करो। पतसीत-श्री रामचन्द्र। सप्रवीत-पवित्र।

~~क्रमशः  


नोट: पूर्व प्रेषित कड़ियों को पढ़ने के लिए निम्न विषय-सूची मे कृपया संबंधित विषय पर क्लिक करें। जो विषय अभी तक की श्रंखला में प्रेषित हो चुके हैं, उनके ही लिंक खुलेंगे। बाकी के लिंक के लिए कृपया प्रतीक्षा करें।

विषय – सूची

–1–
क्र.सं. विषय पृष्ट    क्र.सं. विषय पृष्ट
भूमिका i १८ प्रस्तार लछण 11
        सोडस करम वरणण 1    मात्रा प्रस्तार विधि 11
श्रीगणेश स्तुति 1    वरण प्रस्तार विधि 12
गणागण वरणण 2 १९ सूची लछण 12
गणागण देवता 3    मात्रा सूची विधि 13
गणागण देवता और उसके फलाफल 3    मात्रा सूची संख्या रूप 13
गण मित्र सत्रु कथनं 4    वरण सूची विधि 13
दुगण कथनं 4    वरण सूची संख्या रूप 13
मित्रदास, उदास और शत्रुगण 4 २० ऊदिस्ट लछण 13
दोसादोस कथन 5 (i) मात्रा ऊदिस्ट 14
अस्ट दगध अखिर कथनं 5 (ii) वरण ऊदिस्ट 14
   हकारादि अस्टदगध 5 २१ नस्ट लछण 15
१० गुरू लघु कथनं 6 (i) मात्रा नस्ट 15
११ संजोगी आद वरण विचार 6 (ii) वरण नस्ट 16
१२ लघु दीरघ दीरघ लघुकरण-विधि वरणणं 7 २२ मात्रा स्थांन विपरीत कड़ौट फेर प्रस्तार लछण 17
१३ अथ मंगलादिक वरणगण नांम कथनं 7 २३ मात्रा स्थांन विपरीत कौ प्रकारांतर 17
१४ मात्रा पंचगण नांम कथनं 7 २४ मात्रा अस्ट प्रकार नस्ट उदिस्ट कथन 18
   प्रथम टगण छः मात्रा तेरह भेदनांम 8 २५ मात्रा स्थांन विपरीत अदिस्ट विधि 18
   दुतीय ठगण पंच मात्रा आठ भेद नांम 8 २६ वरण सुद्ध प्रस्तार का प्रकारांतर कौ लछण 22
   त्रतीय डगण च्यार मात्रा पंचभेद नांम 8 २७ वरण स्थांन विपरीत कड़ौट फेर प्रस्तार लछण 22
   चौथे ढगण तीन मात्रा तीन भेद लघ्वादि नांम 9 २८ वरण स्थांन विपरीत कौ प्रकारांतर कौ लछण 22
   पंचमौ णगण द्विमात्रादि भेद प्रथम एक गुरू नांम 9 २९ वरण संख्या विपरीत कौ प्रकारांतर लछण 23
१५ द्विमात्रा द्विलघु भेद नांम 10 ३० वरण संख्या स्थांन विपरीत कड़ौट फेर लछण 23
१६ साधारण गण नांम 10 ३१ वरण संख्या विपरीत प्रकारांतर लछण 23
१७ सोडसकरम वरणण 10 ३२ अस्ट विधवरण प्रस्तार 24
(i) प्रथम लछण 11
(ii) संख्या विधि 11
–2–
क्र.सं. विषय पृष्ट    क्र.सं. विषय पृष्ट
३३ अस्टविध वरण प्रस्तार ज्यांका उदिस्ट, नस्ट 25         मात्रा व्रत्ति वरणण 41
३४ वरण स्थांन विपरीत का प्रकारांतर दोय कौ उदिष्ट कौ लछण 25 ५१ चंद्रायणौ 41
३५ वरण स्थांन विपरीत ईंका प्रकारांतर कौ नस्ट 25 ५२ गमक 41
३६ वरण संख्या विपरीत कौ हर ईंका प्रकार को उदिस्ट 25 ५३ बांम 42
३७ वरण संख्या विपरीत हर प्रकारांतर दोनूं को नस्ट 25 ५४ कंता 42
३८ वरण संख्या स्थांन विपरीत कौ हर ईंका प्रकारांतर कौ उदिस्ट 26 ५५ सुगति 42
३९ वरण संख्या स्थान विपरीत कौ हर ईंका प्रकारांतर कौ दोन्यां कौ नस्ट 26 ५६ पगण 42
४० सोडस प्रस्तार मात्रा वरण का सुगम लिखण विध 26 ५७ मधुभार 42
४१ मात्रा वरण उदिस्ट नस्ट सुगम लछण 27 ५८ रसकळ 43
४२ मेर लछण 27 ५९ दीपक 43
   मात्रा मेर विध 28 ६० रसिक 43
   वरण मेर भरण विध 29 ६१ आभीर 44
   एकादस मात्रा मेर स्वरूप 29 ६२ उद्धौर 44
४३ पताका लछण 30 ६३ अनांम 44
   मात्रा पताका विध 30 ६४ हाकळ 45
   दस मात्रिक पताका 31 ६५ झंपताळ 45
   दस मात्रिक पताका का दूसरा रूप 32 ६६ जैकरी 45
   मात्रा पताका अन्य विध 33 ६७ चौपई 45
   सप्त मात्रा पताका स्वरूप 34 ६८ दूहौ 46
४४ वरण मेर खण्ड विध 35 ६९ सिंहाविलोकण 46
४५ सप्त वरण मेर स्वरूप 35 ७० चरनाकुळक 46
४६ वरण खंड मेर स्वरूप 36 ७१ अरिल 46
४७ प्राचीन मत च्यार वरण पताका स्वरूप 36 ७२ पद्धरी 47
४८ वरण पताका विध 37 ७३ बैअख्यरी 47
४९ वरण पताका नवीन मत अन्य विध सुगम 37 ७४ रडु 48
५० मरकटी लखण कथन 38 ७५ चूडामण 48
   मात्रा मरकटी विध कथन 38 ७६ पवंगम ग्रन्थांतरे चंद्रायणौ 49
   दस मात्रा मरकटी स्वरूप 39 ७७ महादीप 49
   वरण मरकटी भरण विध 39 ७८ हीर 49
   अस्ट वरण मरकटी स्वरू 40
   सात मात्रा मरकटी स्वरूप 40
–3–
क्र.सं. विषय पृष्ट    क्र.सं. विषय पृष्ट
७९ रोळा 50    सरभ 64
८० बथुवा 50    सैन 64
८१ काव्य 50    मंडूक 64
८२ मात्रा उपछंद वरणण 51    मरकट 65
८३ हरि गीत 51    करभ 65
८४ रांम गीत 51    नर 65
८५ सवैइया 52    मराळ 65
८६ मरहट्टा 52    मदकळ 65
८७ चतुर पदी तथा रुचिरा 52    पयोधर 66
८८ धत्ता 53    चळ 66
८९ धत्तानंद 53    वांनर 66
९० त्रिभंगी 53    त्रिकळ 66
९१ खट सद्रस्य छंद लछण 53    मच्छ 66
९२ पदमावती 54    कछप 67
९३ दंडकळ 54    सादूळ 67
९४ दुमिळा 54    अहिबर 67
९५ लीलावती 55    बाघ 67
९६ जनहरण 55    विडाळ 68
९७ वरवीर 55    सुनक 68
९८ झूलणा 56    ऊंदर 68
९९ उपझूलणा 57    सरप 68
१०० मदन हरा 57    चरणा 69
१०१ खंज 58    पंचा 69
१०२ गगनागा 58    नंदा दूहा तथा बरवै छंद 69
१०३ द्रूपदी 59    मोहणी लछण 69
१०४ उद्धत 59    चौटियो 70
१०५ माळा 60 १०९ दूहा कौ नांम काढण विध 70
१०६ पंचवदन 61 ११० चूळियाळा छंद 71
१०७ मात्रा असम चरण छंद वरणण 61 १११ निस्रेणका 71
१०८ दोहा 62 ११२ चौबोला 71
   अन्य लछण दूहा 62 ११३ ककुभा 71
   सांकळियौ दूहौ 62 ११४ सिख 72
   तूंबेरौ दूहौ 63 ११५ रस उल्लाला 72
   भ्रमर 64 ११६ रस उल्लाला रा भेद 72
   भ्रांमर 64 ११७ माहा छंद 72
–4–
क्र.सं. विषय पृष्ट    क्र.सं. विषय पृष्ट
११८ गाथा गुणदोष कथन 73    वारता 87
११९ बेअखरी 73 १२४ मात्रा दंडक छंद वरणण 88
१२० गाथा छंद छब्बीस नाम कथन 76 १२५ मात्रा दंडक छंद लछण 88
   लछी 76 १२६ छप्पै लछण 88
   रिद्धि 76 १२७ कवित छप्पै 88
   बुद्धी 77 १२८ अजय छप्पै 89
   लज्जा 77 १२९ यकहत्तर छप्पै नांम कथन 89
   विद्या 77 १३० छप्पै नांम काढ़ण विध 92
   खम्या 77 १३१ मात्रा छंद, मात्रा उपछंद, मात्रा असम चरण, मात्रा दंडक छंद गुरु लघु काढ़ण विध 92
   देवी 77 १३२ बावीस छप्पै नांम 93
   गौरी 78    उक्ता 94
   मात्री 78    समबळ विधांन 95
   चूरणा 78    जाता संख 95
   छाया 78    वळता संख 96
   कांती 78    संकळ जात 97
   महामाया 79    कमळबन्ध 97
   कीरती 79    छत्रबंध 99
   सिद्धी 79    मझअखिरा 100
   मांणणी 79    लघुनाळीक 100
   रांमा 79    ब्रधनाळीक 101
   गाहेणी 80    निसरणी बंध 101
   वसंत 80    नाट 102
   सोभा 80    चौपाई 103
   हरिणी 80    मुकताग्रह 103
   चक्कवी 80    कुंडळिया 104
   सारसी 81    चौटीबंध 105
   कुररी 81    हीराबेधी 105
   सिंघी 81    करपल्लव 106
   हंसी 81    हेकल्लवयण 107
१२१ गाहा, गाहू, विगाहा, उगाहा, गाहेणी, सीहणी खंधांण विचार लछण वरणण 82    हल्लव 108
१२२ एकसूं लगाय छबीस तांई गाथा काढ़ण विध 84    ताळूरब्यंब 108
१२३ गद्य छंद लछण विध 85    अहर अळग 109
   दवावैत 85 १३३ विधांनीक जात 109
   वचनका 85
–5–
क्र.सं. विषय पृष्ट    क्र.सं. विषय पृष्ट
   सप्त विधांन 109 खड़ाखर छंद गायत्री 121
   स्त्री प्रत विधांनिक छप्पै 110    सेखा 121
१३४ नाटसळा छप्पै 110    तिलका 121
१३५ सुद्ध कुंडळियौ 111    विजोहा 121
   कुंडळियौ झड़उलट लछण 112    चऊरस 122
   कुंडळियौ जात दोहाळ 112    संखनारी तथा विराज तथा रसावळा 122
   कुंडळियौ दोहाळ 112    मंथांणी 124
१३६ कुंडळणी 113    मदनक 124
   वरण व्रत प्रकरण 115    मालती 124
१३७ एक वरण सूं लगाय छबीस वरण तांई छंदां री जात रा नांम वरणण 115 सप्त वरण छंद जात 124
   उक्ता 116    उस्कि 124
   कांम 116    समानिका 124
   मधु 116    सबासन 125
   मही 116    करहची 125
   सार 117    सिखा 125
   ससी 117 अस्टाखिर छंद वरणण 125
   प्रिया 117    जात अनुस्टप 125
   रमण 117    विद्युन्माळा 125
   पंचाळ 117    मल्लिका 126
   म्रिगेंद्र 118    प्रमांणी तथा अरध नाराज तथा तुंग 126
   मंद 118    त्वंग तथा तुंग 127
   कमळ 118    कमल 127
च्यार अखिर छंद जात 118    मांन क्रीड़ा 127
   प्रतिष्ठा 118    अनुस्टुप 128
   जीरणा 119 नव अखिर छंद वरणण 128
   धांनी 119    जात ब्रहती 128
   निगल्लिका 119    महालक्षिमी 128
पंच गुरु अखिर पंचा अखिर छंद वरणण 119    सारंगिका 128
   जात प्रतिष्ठा 119    पायत 129
   समोहा 119    रतिपद 129
   हारी 120    बिंब 129
   हंस 120    तोमर 130
   जमक 120    रूपमाळी 130
–6–
क्र.सं. विषय पृष्ट    क्र.सं. विषय पृष्ट
दस अखिर छंद वरणण 130    कंद 141
   जात पंक्ति 130    पंकावली 141
   संजुतका 130    अजास 142
   चंपकमाळा 131 चतुरदस अखिर छंद जात 142
   सारवती 131    सक्करी 142
   सुखमा 132    वसंततिलका 142
   अम्रित गीत 132    चक्र 143
एकादस अखिर छंद 132 पनरह अखिर छन्द वरणण 143
   वरणण जात त्रिस्टुप 132    जात अतिसक्विरी 143
   दोधक 132    चांमर 143
   समुखी 132    सालिनी 144
   सालिनी 133    भ्रमरावळी 144
   मदनक 133    कळहंस 145
   सैनिका 134    रभस 145
   मालतिका 134 सोळै अखिर छंद वरणण 145
   इंद्रवज्र 134    जात अस्टि 145
   उपेंद्रवज्रा 135    निसपालिका 145
   उपजात 135    ब्रद्धिनाराज 146
   रथोद्धिता 136    पदनील 146
   स्वागता 136    चंचळा 147
द्वादसाखिर छन्द जात 136 सतरै वरण छंद जात 147
   जगती 136    यिस्टी 147
   भुजंगप्रयात 136    प्रथ्वी 147
   लक्ष्मीधर 137    माळाधर 148
   तोटक 138    सिखरणी 148
   सारंग 138    मंदाक्रांता 149
   मोतीदांम 138    हरिणी 149
   मोदक 139 अठारै अखिर छंद वरणण 150
   तरळनयण 139    जात ध्रति 150
   सुन्दरी 139    मंजीर 150
   प्रमिताखिरा 140    चरचरी 150
त्रयोदस अखिर छंद जात 140    क्रीडा 151
   प्रति जगति 140 उगणीस अख्यर छंद वरणण 151
   माया 140    जात अतिध्रति 151
   तारक 140    सारदूळ विक्रीड़त 151
–7–
क्र.सं. विषय पृष्ट    क्र.सं. विषय पृष्ट
   धवळ 152 १४४ अग्यारह जथा नांम 171
   शंभू 153    विधांनीक जथा 172
वीस अखिर छंद वरणण 154    सर जथा 173
   जात क्रति 154    सिर नामां जथा 173
   गीतिका 154    वरण नांम जथा 174
   गल्लिका 154    अहिगत जथा 175
अकवीस वरण छंद वरणण 154    आद नांम जथा 176
   जात प्रक्रति 154    अंत नांम जथा 176
   स्रग्धरा 155    सुद्ध नांम जथा 177
   नरिंद 155    अधिक नांम जथा 177
बावीस वरण छंद हंसी 156    सम नांम जथा 178
   मदिरा 156    न्यून नांम जथा 178
   सुन्दरी 157 १४५ गीतां का एकादस दोख निरूपण 179
तेवीस वरण छंद मत्तगयंद 157 १४६ निसांणी त्रिविधि वैण सगाई नांम लछण 182
   चकोर 157 १४७ सावरणी अखिरां री अखरोट वैणसगाई वरणण 183
चौबीस अखिर छंद 158 १४८ गीतां का नांम निरूपण 185
   जात संस्क्रति 158 १४६ सात सांणौर का नाम कथन 185
   किरीट 158 १५० अन्य प्रकार गीत नाम कथन 186
   दुमिळा 158 १५१ वसंत रमणी नांम गीत लछण 188
   महाभुजंगप्रयात 160 वसंत रमणी नांम सावझड़ौ 188
१३८ वरण उप छंद वरणण 160 मुणाल नांम गीत सावझड़ौ 189
   सालूर 160 गीत जयवंत सावझड़ौ 191
   मनहर तथा इकतीसौ कवित्त 161 बड़ा सांणौर आद सप्त गीत निरूपण 192
   घणाखिरी 164 गीत बड़ा सांणौर लछण 192
        गीत व्रत प्रकरण 166 सुद्ध सांणौर 193
१३९ गीत छंद वरणण 166 प्रहास सांणौर 196
१४० गीत लछण 166 छोटा सांणौर 198
१४१ गीत की भाखा वरणण 167 वेलिया सांणौर 200
१४२ अगण दधखिर दोस हरण 167 सूहणौ सांणौर 201
१४३ छंद नव उक्ति नांम 168 पूणिया सांणौर ने जांगड़ा सांणौर 202
   सुद्ध सनमुख 168 सोरठियौ सांणोर 203
   गरभित सनमुख 168 खुड़द छोटौ सांणौर 204
   सुध परमुख 169 पाड़गत, पाड़गती वरणण लछण 206
   गरभित परमुख 169 पाड़गती सुपंखरौ 206
   सुद्ध परामुख 170 त्रिवड़ तथा हेलौ गीत 208
   गरभित परामुख 170 बंक गीत 210
   सुद्ध स्रीमुख 170 त्रबंकड़ा गीत 211
   कवि कल्पित स्रीमुख 171 चौटियाळ गीत 212
   मिस्रित 171 लैहचाळ गीत 214
गौख गीत 216
चितईलोळ गीत 217
पालवणी तथा दुमेळ गीत 219
–8–
क्र.सं. विषय पृष्ट    क्र.सं. विषय पृष्ट
सावझ अड़ियाळ गीत 221 अरट गीत 276
धड़उथल गीत 222 अठताळौ 277
सीहचलौ गीत 223 काछो 278
ब्रध चितविलास 224 सवैयौ 280
लघु चितविलास 225 सालूर 281
घोड़ादमौ 227 त्रिबंकौ 282
अरटियौ 228 धमाळ 283
सेलार 229 रसावळौ 284
झमाळ 230 सतखणौ 285
मुड़ैल अठताळौ 232 उमंग 287
हिरणझंप 234 यकखरौ (इकखरौं) 288
कवार 236 अमेळ 289
दोढ़ा 237 भंवरगुंजार 290
हंसावळौ सांणौर 238 चौटियौ 292
रसखरा 240 मंदार 293
भाखड़ी 241 झड़लुपत 295
गोखौ 245 त्रिमेळ पालवरणी तथा झड़लपत 295
ढोलचलौ तथा ढोलहरौ 247 त्रिपंखौ 296
त्रकुटबंध 248 वडौ सावझड़ौ तथा अरध सावझड़ौ 298
सुपंखरौ 253 झड़मुकट 300
हेकलवयण तथा मात्रारहित हंस गमण 255 दुतीय सेलार 301
भुजंगी 256 त्राटकौ 302
वडौ सांणौर अहरणखेड़ी 257 मनमोह 303
विडकंठ तथा वीरकंठ 259 ललितमुकट 306
गीत अट्टौ 260 मुकताग्रह 308
भांण गीत 263 पंखाळौ 310
दुमेळ 265 दुतीय साळूर 310
उवंग सावझडौ 266 भाख 311
अरध गोखौ सावझड़ौ 266 अरध भाख 312
धमळ तथा रिणधमळ 267 जाळीबंध 313
त्रिभंगी 270 गहांणी 315
सीहलोर 270 घणकंठ सुपंखरौ 317
सारसं गीत 270 जयवंत सावझड़ौ 321
सीहवग सांणौर 271 रूपग गजगत 322
अहिगन सांणौर 271 १५२ निसांणी छंद वरणण 325
रेणखरौ 271 १५३ निसांणी छंद 325
मुड़ियल सावझड़ौ 272    गरभितनांम निसांणी छंद 325
प्रौढ़ सांणौर निरूपण 272    दुमळा नांम जांगड़ी 326
दीपक 273    सुद्ध निसांणी जांगड़ी 327
अहिबंध 274    मारू निसांणी 328

Loading

One comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.