रातीजगा चिरजा – हो रिवराय माँ त्रिलोकपाल आद ईसरी

।।माँ रवेची जी की चिरजा।।

हो रिवराय माँ त्रिलोकपाल आद ईसरी।
आद ईसरी अंबे अनाद ईसरी।
हो रिवराय माँ त्रिलोकपाल आद ईसरी।।टेर।।

बडा बड़ी बाघ चढ़ि आन ऊतरी।
बडा बड़ी बाघ चढ़ि आन ऊतरी।
कई बार सेवगाँ री सहाय थें करी।
हो रिवराय माँ …………………………..।।१।।

छूट लटा भाल तिलक मांग से भरी
छूट लटा भाल तिलक मांग से भरी
बेणी बासक बस रही मां रखड़ी रतन जड़ी
हो रिवराय माँ …………………………..।।२।।

हिवड़ो हीरां जड़्यो, मां अंगिया हरी
हिवड़ो हीरां जड़्यो, मां अंगिया हरी
गोरा गोरा गाल ऊपर मोत्याँ री लड़ी
हो रिवराय माँ …………………………..।।३।।

बांय में भुजबन्द सोवे डाळ बंगड़ी
बांय में भुजबन्द सोवे डाळ बंगड़ी
हाथ में हथफूल सोवे गजरा गुजरी
हो रिवराय माँ …………………………..।।४।।

लेहंगो सोवे घेरदार ऊमदा जरी
लेहंगो सोवे घेरदार ऊमदा जरी
साळू सोवे सोवणी माँ कोर कांगरी
हो रिवराय माँ …………………………..।।५।।

खाजा घेवर लापसी माँ थाल में धरी
खाजा घेवर लापसी माँ थाल में धरी
पूजे राजरी सवासनियाँ मां भाग से भरी
हो रिवराय माँ …………………………..।।६।।

कर जोड़्याँ राधावल्लभ गावे अरज है करी
कर जोड़्याँ राधावल्लभ गावे अरज करी
बेटा पोता दोयता री सहाय थें करी
हो रिवराय माँ त्रिलोकपाल आद ईसरी।
आद ईसरी अंबे अनाद ईसरी।
हो रिवराय माँ त्रिलोकपाल आद ईसरी।।७।।

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