रातीजगा चिरजा – सुंदर बाई हंस हंस परचा दे छे

।।सुंदर बाईसा की चिरजा।।
सुंदर बाई हंस हंस परचा दे छे।
बेलाई बाई हंस हंस परचा दे छे।।
यां रा सेवगां री सहाय करे छे।
सुंदर बाई हंस हंस परचा दे छे।।
खंड खेराड़े मंड भीलड़ी अम्बेजी री जोत सजे छे।
लज्जा राखण कारज सारण धरती री ओट लयी छे।
बेलाई बाई हंस हंस परचा दे छे।।
माह आसोज चैत सुदी आठम, सातूँ ही सगत रमे छे।
बाकरीयो बलिदान चढ़े जठै, भैरव निरत करे छे।
सुंदर बाई हंस हंस परचा दे छे।।
महियारिया बेलु बेलाई सिंघ असवार सजे छे।
ध्यावत बेग पधारत अम्बे तो रतीयन जेज करे छे।
बेलाई बाई हंस हंस परचा दे छे।।
राजपुरा मेहरू रखवाली अम्बे कारज सिद्ध करे छे।
सेवग शक्तिदान राज रो चिरजा ही निजर करे छे।
सुंदर बाई हंस हंस परचा दे छे।।
यां रा सेवगां री सहाय करे छे।
बेलाई बाई हंस हंस परचा दे छे।।