साँवरियौ रे लोल !

🌸(दोहा -गीत)🌸
नेह झरै नित नैण में, पलकां वाळी पोळ।
कहौ सखी बा कूण है?, सांवरियौ रे लोल।।१
आली ! लाली आभ भर, कंकू केसर ढोळ।
आवै मन रे आंगणै, साँवरियौ रे लोल।।२
मुखडौ टुकडौ चांद रो, पूनम रे ज्यूं गोळ।
निरखण दीजै नैण सूं, सांवरियौ रे लोल।।३
रोम रोम रस री डळी, मिसरी मीठा बोल।
सहियर! साकर शेलडी, साँवरियौ रे लोल।।४
हेरण दीजै हे अली, घूंघट रा पट खोल।
माणीगर मन मोवणो, साँवरियौ रे लोल।।५
दरियौ भरियौ नेह रो, छलकै छल छल छोळ।
कहौ सखी बा कुंण है, साँवरियौ रे लोल।।६
थाळ बजै, बीणा बजै, डफ चँग बाजै ढोल।
आयौ म्हारे आंगणै, साँवरियौ रे लोल।।७
पग धर घूंघर, पैजणी, रमूं प्हैर रमझोळ।
निरखै म्हानै नेह सूं, साँवरियौ रे लोल।।८
बिन डंडी बिन त्राकळी, लेत नेह सूं तोल!
साच माच रो सेठियौ, साँवरियौ रे लोल।।९
माणक, पन्ना, लाल अर, हीरा सूं अणमोल।
मन मुंदरी रो है मणी, साँवरियौ रे लोल।।१०
मोलवियौ मन देय म्है, औ गहणौ अणमोल।
कदी न देस्यूं कोय नें, साँवरियौ रे लोल।।११
©वैतालिक