सात रंग रा सरनामा – गज़ल

सात रंग रा सरनामा रो बादल़ कागद!
धरती नें रामा सामा रो बादल़ कागद!
बूंद पडै जद झिर मिर झिर मिर शबद उकलता,
विरह दगध अबल़ा वामा रो बादल़ कागद!
प्रीत, विरह, उच्छब आँसू, सपना, अर यादां,
अणगिणिया कितरा गामां रो बादल़ कागद!
मोर नाचियो, शोर कियो पिक, प्होरी वेली,
पायौ खुद खुद रा नामां रो बादल़ कागद!
नाचै टाबर कर कीलकारी ताल़ी दे दे,
हँसी खुशी अर हंगामा रो बादल़ कागद!
पढ पढ मोदै “नरपत” आखर भाव सुरगां,
आयौ धर मेघा मामा रो बादल़ कागद!
~~©वैतालिक