सजधज हालां,घूमर घाला

सजधज हालां, घूमर घाला, ले रिपियां री थेली।
बैठौ साजण सेठ बजारां, आव सखी! अलबेली।।
हेली हालों भाल़वा, बैठौ कुण बजार।
चख डंडी मन पालडै, जोखै नेह जँवार।।
जोखै नेह जँवार, करै नी बिलकुल धोखो।
बालम रो व्यवहार, चातुरी भरियौ चोखो।
मोठ बाजरी मूंग, बांटतौ भर भर थेली।
किं रूपियां रो काम, हेरतां देसी हेली।।
मन रो भोल़ो, हेत हबोल़ो, फिकर मती कर गैली!
बैठौ साजण सेठ बजारां, आव सखी! अलबेली।।१
सजधज हालां, घूमर घाला, ले रिपियां री थेली।
बालम वडौ बजाज बजारां, आव सखी! अलबेली।।
बाजै भरी बजार मैं, बालम बडौ बजाज।
साल़ू, मलमल, सब रखै, निरखत होवै नाज।।
निरखत होवै नाज, ल्हैरिया, संग पटोल़ा।
मोलवतां मन मोद, विविध पट राखै ब्होल़ा।
साच माच रो सेठ, रीझियौ रूप असांजै।
भावै सो भल लेय, बजाजी साजण बाजै।
वेस सुरंगा, मन लख चंगा, मांय भरी फुल-वेली।
बालम वडौ बजाज बजारां, आव सखी! अलबेली।।२
सजधज हालां, घूमर घाला, ले रिपियां री थेली।
बा मणियारौ वसै बजारां, आव सखी! अलबेली।।
चंगा राखै चूडला, माणिगर मणिहार।
लांखां वातां लाख सूं, कुंण खरीदणहार।।
कुण खरीदणहार, लाख नँग जडिया लखिया।
हेरै लोग हजार, इरखा करसी सखिया।।
हां वा हाथोहाथ, देयसी नरपत दाखै।
मुँहगै नेह मजीठ, रंगिया चुडला राखै।।
एक अधेली, कर में मेली, लाड कोड बा लेली।।
बा मणियारौ वसै बजारां, आव सखी! अलबेली।।३
सजधज हालां, घूमर घाला, ले रिपियां री थेली।
बा तंबोली रहै बजारां, आव सखी! अलबेली।।
सखी! तंबोल़ी साजणा, पुरसै मीठो पान।
लूंग ऐलची लाडलौ, नित नित भर नादान।
नित नित भर नादान, नेह री नागरवेली।
सोपारी तज सोंफ, बणादै भर वा बेली।
केसर काथौ कुंण, भरै कह रे घण भोल़ी।।
छिटक चांदणी चून, पांन पुरसै तंबोली।।
रस सूं भरियौ, बा साँवरियौ, म्हाने सबसूं प्हैली।
बा तंबोली रहै बजारां, आव सखी! अलबेली।।४
सजधज हालां, घूमर घाला, ले रिपियां री थेली।
बैठौ है रंगरेज बजारां, आव सखी!अलबेली।।
अरूणाई ले आभ री, साथ बादल़ी सेत।
पचरंगी बा पोमचौ, रंगरेजो रंग देत।।
रंगरेजो रंग देत, हेत सूं करै हथाई।
पट, तन, मन रँग पूर, स्नेह री रखै सगाई।
बैठर बीच बजार, चितारौ करै छपाई।
म्हनै मुफत दे मांड, ओढणी में अरूणाई।
मोर पंख री, सीप शंख री, रखै! भात व्है मैली।
बैठौ है रंगरेज बजारां, आव सखी!अलबेली।।५
~~नरपत आसिया “वैतालिक”