||शिव वंदना अष्टक – जोगीदान गढवी कृत||
छंद: त्रिभंगी
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करतुंड कटंकर खाग खटंकर मुंड मटंकर भयभीन्ना |
मंथन दधी मंकर भुजबल भंकर गरल गटंकर गणकीन्ना ||
निलकंठ नटंकर लचक लटंकर जटा जटंकर जणणाटी |
नम हर शिव शंकर डाक डणंकर धोम धणंकर धणणाटी||01||
जोगण पत जंकर बात बधंकर दक्ष दधंकर हथलीन्ना |
गीयणां गणणंकर चकर चटंकर प्रथी पटंकर रतपीन्ना ||
दावानल दंकर फाट फटंकर खडग खटंकर खणणाटी |
नम हर शिव शंकर डाक डणंकर धोम धणंकर धणणाटी||02||
चडीया चिह चंकर सारण शंकर भजो भजंकर भयहरणा |
जोगीह जपंकर दान दपंकर तेज तपंकर तमतरणा ||
अरपे अभयंकर रुद्र रयंकर झांझ झटंकर झणणाटी |
नम हर शिव शंकर डाक डणंकर धोम धणंकर धणणाटी||03||
प्रथमी पड पड़कतधणणण धडकत डुंगर दड़कत दडडदडे |
फंण शेषही फड़कत कछपीठ कडकत खडगांखडकत खडडखडे ||
भवनेहर भडकत थड़धर थड़कत तडडड तड़कत तणणाटी |
नम हर शिव शंकर डाक डणंकर धोम धणंकर धणणाटी||04||
हरहर कर हणणण त्रिहुळां तणणण भुमड भणणण भणणभमे |
गावत गण गणणण छावत छणणण ध्यावत धणणण धणणधमे ||
चख कुंडळ चणणण भैंचक भणणण बौलत बणणण बणणाटी |
नम हर शिव शंकर डाक डणंकर धोम धणंकर धणणाटी||05||
झपटी धर झुक्का सबलीत सुक्का हरभर हुक्का हडडहमे |
चरअचरण चुक्का नवखड नुक्का भुतल भुक्का भडडभमे
तांडव न्रत तुक्कादानव दुक्का भणण भभुक्का भणणाटी |
नम हर शिव शंकर डाक डणंकर धोम धणंकर धणणाटी||06||
हरिवर हररायो धरपर धायो तमकर तायो तरजणींयां |
नव सोच समायो शिव शव छायो सती सुधायो सरजणींयां ||
बावन टुक बायो शिवा सिदायो सुदसन सायो सणणणाटी |
नम हर शिव शंकर डाक डणंकर धोम धणंकर धणणाटी||07||
त्रय लोचन तडीया आग उघडीया धोम धखडीया तणघडीया|
चारण गण चडीया जोगीह जडीया दानही दडीया दडवडीया ||
कर दुर दखडीया सौप सखडीयां हिये हखडीया हणणाटी |
नम हर शिव शंकर डाक डणंकर धोम धणंकर धणणाटी||08||
~~जोगीदान गढवी
Adbhut
मुझे तो आनंद आ गया आज मैं सुबह से कोई 50 बार इस त्रिभंगी छंद को सुन रहा हूं गा रहा हूं बड़ा ही आनंद आ रहा है वह रचना करने वाले धन्यवाद है आपके माता-पिता को बहुत बढ़िया।