श्री करणी रक्षा कवच – कविराजा बाँकीदास आसिया

ऊंडे पाणी नदियां उतरतां, झड़ मंडियां खग झाटां।
शक्ति करजे सहाय सेवगां, बहतां घाटां बाटां।।
मेवाशा मांझल ठग मिलियां, नाहर आयां नैड़ा।
कुशल आपरा राखे करणी, बहतां सायर बैडा।।
बैरी बिषधर सरप निवारै, बल़ती लाय बुझावै।
लोहड़याल तणां भुज लंबा, आंच न दासां आवै।।
डाकण भूत कुवै पग डिगतां, कडके बीज अकाशां।
करतां याद मेहासधू करणी, देवी ऊबारे दांसां।।
वडां-वडी किनियांणी बांका, पोख पूजगां पालै़।
देश विदेश मांही डाढाल़ी, राज द्वार रुखालै़।।
मोत कुमौत टालणी मैया, कुमति निवारण माता।
सुमति दैण दालिद्र नसावण, राखे तन सुख साता।।
बीस भुजाल़ी राखण सेवग, बालक छतर छायां।
टेम कुटेम टालणी अंबा, दुख भंजे दुख आयां।।
रात दिवस पल छिन जगदंबा, रहजो साथ सदाई।
पूत कपूत क्षमाकर करणी, बिरद निभाजो बाई।।
~~कविराजा बाँकीदास आसिया
(संकलन: मोहन सिंह जी रतनू)
Bahut bahut dhanyawaad hukum……