लाडली

आस तणो आधार लाडली
सैणां रो संसार लाडली
मरजादा री असली मूरत
पत-समदर पतवार लाडली।
तूं गणगौर दिवाळी दिपती
तीज तणो त्योहार लाडली।
प्रीत नीत परतीत परस्पर
रीत तणी रखवार लाडली।
ऊंचो सीस जिहास जिगर में
है सब थारै लार लाडली।[…]

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बेटियाँ – राजेश विद्रोही(राजूदान जी खिडिया)

बाबुल की बेशक़ीमती थाती है बेटियाँ।
बेटे अग़र चिराग हैं बाती हैं बेटियाँ।।

अंजाम हर फ़रज को हमेशा दिया मग़र।
हरग़िज नहीं हकूक जताती हैं बेटियाँ।।

बेटों से एक घर भी संभलता नहीं मग़र।
दो मुख़्तलिफ़ घरों को मिलाती हैं बेटियाँ।।

बाबुल की देहरी से विदाई के बाद भी।
नैहर के नेगचार निभाती हैं बेटियाँ।।[…]

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कद ऊगेला थोर में हाथ ?

म्है जद-जद ई
करिया करतो चिड़बोथिया
टाबरपणै री भोल़प में
म्हारी बैनां सूं।
म्हारी आल़ रै पाण
जद टपकता हा
उणां री आंख्यां सूं
टप टप टप
आंसू मोतीड़ा बण।
उणां रै इण
आंसूड़ां माथै पसीज
म्हारी मा
कैया करती ही कै
तूं मत किया कर
गैलायां![…]

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घर बेटी बिन जेम गिणो

।।छंद रैंणकी।।
सरवर बिन नीर मांम बिन सायर,
दान बिनां दातार दखां।
भूपत बिन राज काज बिन भलपण,
अंतस बिन अपणास अखां।
धेनूं बिन दूध बिनां धन धणियां,
मांण बिनां मेहमांण मुणो।
गिरधर कवियांण सुणी कथ गहरी
घर बेटी बिन जेम गिणो।।१[…]

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बेटी-गिरधरदान रतनू दासोड़ी

बेटै सूं बेटी बती, आगै हुई अमाम।
गुणी लेवै घण गुमर सूं, निरणा ज्यांरा नाम।।१

बेटां वालां इण वसू, हिय पोमै हकनाक।
धर इण उपनी धीवड़ी, नमिया सुरगण नाक।।२

बेटां सूं बेटी बती, समजो सैण सुजाण।
पेखो हिमगर पामियो, महि बेटी सूं माण।।३ […]

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करै कुण कोड बेटी रा

करै कुण कोड बेटी रा, खड़्या खम ठौर मारण नैं।।
जगत में आण सूं पै‘ली, जकी रा लाख दुश्मण है।।

हुई जद आस आवण री, नयो मेहमान निज घर में।
बधायां बांटती दादी, फिरी हर एक घर-घर में।।
मिली जद जाँच में बेटी, लगी क्यों लाय लागण नै।
करै कुण कोड बेटी रा, खड़या खम ठौर मारण नै।।1।।[…]

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