सुबोध बावनी – कवि देवीदान देथा (बाबीया – कच्छ)

[…]वेद सार खंड ससि, वाम अंक गति मिति,
नौमि गुरू शुक्ल मधु मास के समास ही।
देथा मारू चारन जो भव्य है कहाति जाति,
देस कच्छ स्वच्छ ग्राम बाबिया निवास ही।
देवीदान दीनो “देवी दास” ही प्रकास कीन्हौ,
नवीनो नगीनो ग्रंथ बावनी विलास ही।
सुबुधि उपावनी सो, ताप को नसावनी है,
भावनी सुजान को, बढावनी हुलास की।।५४।।[…]