रांमदेव जी रा दूहा – उदयराज जी उज्जवल

तुंवर मो तारेह, आंख सुधारै ईसवर।
थेटू श्रण थारेह, रैणव वसिया रांमदै।।१।।
तै दीधा कर तोय, पीळा आखा पातसा।
सिंढायच कुळ सोय, आदू शरणै आपरै।।२।।
परी मटाडै पीड, दे जोती आंखां दुरस।
भांणव पडतां भीड, आव मदत अजमाल रा।।३।।
तुं साचौ किरतार, दुःख मेटण प्रगट्यौ दुनि।
वीगरी कर वार, अबखी पुळ अजमाल रा।।४।।
वीदग बारंबार, करुणानिधि वीणत करै।
तार किसन अवतार, मात पिता तु रामदे।।५।।[…]