गजल: वो स्वराज कद आसी काका

कितरो कूड़ बुलासी काका
कित्ती कसमां खासी काका
गिणतां गिणतां घिस्या पेरवा,
वो स्वराज कद आसी काका।[…]
Charan Community Portal
कितरो कूड़ बुलासी काका
कित्ती कसमां खासी काका
गिणतां गिणतां घिस्या पेरवा,
वो स्वराज कद आसी काका।[…]
ख़ामख़ा ही क्यों किसी से वैर पाला आपने,
क्यों किसी की आबरू पे कीच डाला आपने
बेवजह ही वहम पाला या अहम में पड़ गए,
खून अपना व्यर्थ में ही क्यों उबाला आपने
आपका ही का ‘हेड’ था ओ ‘टेल’ भी थी आपकी,
क्यों मगर हर बार फिर सिक्का उछाला आपने
छाँह में जिनके पली हैं पादपों की पीढियां,
प्रेम के उन बरगदों को ना संभाला आपने[…]
मत करो इस मुल्क से गद्दारियाँ, पछताओगे
देखकर फिर देश की दुश्वारियाँ, पछताओगे
वतन से ही बेवफाई फिर वफ़ा है ही कहाँ
खो के अपनी कौम की खुद्दारियाँ, पछताओगे[…]
चींटियों के चमचमाते पर निकल आए सुनो।
महफ़िलों में मेंढ़कों ने गीत फिर गाए सुनो।
अहो रूपम् अहो ध्वनि का, दौर परतख देखिए,
पंचस्वर को साधने कटु-काग सज आए सुनो।
आवरण ओढ़े हुए है आज का हर आदमी,
क्या पता कलि-कृष्ण में, कब कंश दिख जाए सुनो।[…]
ग़ज़ल – सांई
जीत दो या हार सांई!
है मुझे स्वीकार सांई!
फूल हो या ख़ार सांई!
आप का है प्यार सांई!
आप जाकर दूर बैठे,
सात सागर पार सांई![…]
कौन किसकी बात को किस अर्थ में ले जाएगा
यह समूचा माजरा तो वक्त ही कह पाएगा।
आसमां में भर उड़ानें आज जो इतरा रहे हैं,
वक्त उनको भी धरातल का पता बतलाएगा।
जिंदगी की चाह वाले मौत से डरते नहीं,
कौन कहता है परिंदा आग से डर जाएगा?[…]
जब मुझे तेरा ध्यान होता है।
औलिया का गुमान होता है।।१
इश्क ज्यों ज्यो जवान होता है।
उसका जल्वा अमान होता है।।२
मन में खुश्बू बिखेर दे हर सू,
प्यार गुगल लोबान होता है।।३[…]
देखापा री दौड़ मची छै!
मंडी मुखौटां भोर जची छै!!
जुजिठल दाव लगाणो पड़सी!
शकुनि रामत और रची छै!!
कागा हंस हंसां नै कागा!
चवड़ै देर्या जोर गची छै!!
ठगवाड़ै सूं कड़ियां जुड़तां!
नड़िया नड़ियां ठोर नची छै!![…]
हर बात को खुद पे खताना, बन्द करिए बापजी।
बिन बात के बातें बनाना, बन्द करिए बापजी।
बीज में विष जो भरा तो फल विषैले खाइए,
ख़ामख़ा अब खार खाना, बन्द करिए बापजी।
सागरों की साख में ही साख सबकी है सुनो!
गागरों के गीत गाना, बन्द करिए बापजी।
लफ़्ज वो लहज़ा वही, माहौल ओ मक़सद भी वो,
चोंक जाना या चोंकाना, बन्द करिए बापजी।[…]
थे भी कोई बात करो जी,
भैरू जी नै जात करो जी।
अपणो बेटो पावण सारूं,
दूजो सिर सौगात करो जी।।
जनम दियो सो जर जर होया,
पीळा पत्ता झड़ जासी,
सुध-बुध वांरी मती सांभळो,
मंदिर में खैरात करो जी।।[…]