अड़वाँ नैं ओळमा

हा रूप रूपळा रूंख रूंख री, डाळी डाळी हेत भरी।
हो हरियो भरियो बाग बाग में, बेल लतावां ही पसरी।
खिलता हा जिणमें फूल, फूल वै रंग रंग रा रळियाणां।
पानां पानां पर पंछीडा, मंडराता रहता मन भाणां।
बो बाग दिनो दिन उजड़ै है, सो कहो कठै फ़रियाद करां।
(म्हे) लिखां ओळमा अड़वाँ नैं, या खुद माळी सूं बात करां।।[…]

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वाह रे कळजुग रा कंवरां

वाह रे कळजुग रा कंवरां
थांरा वारणा लेऊं कै लत्ता
बेटी रा बापां!
कांण कायदां री बेकुंटी ई काढ़ दी
कीं तो राम नैं माथै राख्यो हुतो
सगळा ई बैठ’र सोवै पण
थे तो ऊभा रा ऊभा ई सोयग्या
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आजादी री ओट अठै…

आजादी री ओट अठै।
पल़र्या देखो झोट अठै।
अभिव्यक्ति री ओट ओल़ावै, पसर रही नित खोट अठै।।

भाषा रो पोखाल़ो कीनो।
संस्कृति नै पाणी दीनो।
भरी सभा में भलां देखलो, शिशुपाल़ रो मारग लीनो।।[…]

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अमर रहे गणतन्त्र हमारा – राजेश विद्रोही

भाई का दुश्मन है भाई
मन्दिर मस्जिद हाथापाई
हिन्दुस्तानी सिर्फ रह गये
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई
कौमी यकजहती रोती है
गया भाड़ में भाईचारा।
मगर हमें इन सब से क्या है
अमर रहे गणतंत्र हमारा।।[…]

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सिरोल़ै सतरंगिये तारां

सहरां री चकाचौंध सूं,
साव अजाण्यो,
धोरां मगरां
डगरां डगरां
राख छाणनै पाणी छाण्यो।
हेली रै हलकारै
जिथिये,
निरभै रैवण
बोल सांभल़्यो,[…]
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ठग्गां रो मिटसी ठगवाड़ो

गीत-जांगड़ो

सरपंची रो मेल़ो सजियो, भाव देखवै भोपा।
धूतां धजा जात री धारी, खैरूं होसी खोपा।।1

दूजां नै दाणो नीं दैणो, एक समरथन आपै।
वित लूटण मनसोबा बांधै, जनहित झूठा जापै।।2[…]

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