छप्पय आशापुरा माताजी रा – भारमलजी रतनू “घडोई”

।।छंद-छप्पय।।
तुं माता तुं पिता, तुंहिज बंधव तुं बाइ।
तुं साजण तुं शेण, साथ पण तुंज सदाइ।
तुं उत्तम आधार, वाट ओ घाट वहंते।
देवी तुं दिवाण, कवित गुण गीत कहंते।
सही थोक दिये तुंही सदा, कर जोडे तुनां कहां।
माहरा देव परदेश मां, मन डर मत आधार मां।।1[…]

» Read more