महाशक्ति देवल महिमा

।।छंद गयामालती।।
माड़वो गामां माड मोटो, अवन सांसण ऊजल़ी।
भलियै तणी थिर देख भगती, निजर हिंगल़ा निरमल़ी।
पह सँढायच कियो पावन, आय जिण घर अवतरी।
दातार देवल दिपै दुणियर, वसू कीरत विसतरी।
माँ वसू सोरम विसतरी।।5
जाल़ियां जूनी रमी जोगण, मगरियां भर मोद म़े।
कर बाप व्हाली रखी कंवरी, गढव निसदिन गोद में।
धर सोढ दादो हुवो धिन-धिन, भाव सूं अंकां भरी।
दातार देवल दिपै दुणियर, वसू कीरत विसतरी।
माँ वसू सोरम विसतरी।।6[…]