हे चारणी सुख कारणी – आई सोनल माँ कृत स्तुति

सस्वर सुनने के लिए उपरोक्त विडियो लिंक पर क्लिक करें
हे चारणी सुख कारणी ब्रह्मचारणी आई सरण।
सच्चिदानंद सारदा मंगळमयी मणमूं चरण।।1।।[…]
Charan Community Portal
सस्वर सुनने के लिए उपरोक्त विडियो लिंक पर क्लिक करें
हे चारणी सुख कारणी ब्रह्मचारणी आई सरण।
सच्चिदानंद सारदा मंगळमयी मणमूं चरण।।1।।[…]
।।गीत – वेलियो।।
मढड़ो महमाय थान इऴ, मोटो,
जग में आज चारणां जात।
कऴजुग-पाप दरसणां काटण,
सोनल उथ राजै सुखदात।।१
धारण-चारण एक धरा रा,
भायां मांय किसो ओ भेद।
सोनल तणो संदेशो साचो,
इऴ पर पूगो थपण अभेद।।२[…]
।।छंद – सारसी।।
नव लाख पोषण अकळ नर ही, ए ज सोनल अवतरी।।
मा ! ए ज सोनल अवतरी ।।टेर।।
अंधकारनी फोजुं हटी, भेंकार रजनी भागती।
पोफाट हामा सधू प्रगटी, ज्योत झगमग जागती।।
व्रण तिमिर मेटण सूर समवड, किरण घटघट परवरी।
नव लाख पोषण अकळ नर ही, ए ज सोनल अवतरी।।
मा ! ए ज सोनल अवतरी…….।।१।।[…]
સંવત ૧૯૮૦ પોષ સુદ-૨ મંગળવારે રાત્રે ૮ઃ૩૦ વાગે જુનાગઢના કેશોદ તાલુકાના મઢડા ગામે ગઢવી શ્રીમાન હમીરભાઇ મોડને ધરે આઇ શ્રી રાણબાઇના કુખેથી પુજ્ય આઇમાં શ્રી સોનબાઇ માં નો જન્મ થયો.પુજ્ય આઇમાં એ જન્મ ધારણ કરીને પોતાના તુંબેલ કુળને,મોડવંશને, ચારણ જાતીને તેમજ સમાજના સર્વે વર્ગો જાતીને પવિત્ર કર્યા અને ઉજ્જવળતા શુધ્ધતા આપી.એમના જન્મથી આઇ રાણબાઇ ધન્ય બન્યા તથા આઇમા શ્રી સોનબાઇની જન્મદાત્રી માતાનું મહાન યશસ્વી પદ પામ્યા.[…]
» Read more🌺छंद -रेणकी🌺
चारण प्रिय पर्म धर्म जब तज कर, करन कर्म प्रतिकूल लगे।
कारण इन कु-मन सुमन भय दिन दिन,दया दान सब दूर भगे।
मारन मद मोह ताहि मय तन्मय, यह लख नवलख चिंत्य करम।
करनल दुःख दूर करन सोय दारूण, धर पर सोनल रूप धरम्॥1
निरमल मति अंग गंग सम उज्जवल ,वचन वारि अघ ओघ दलम।
निश्छल जिहि कान पान कर खल दल, काल व्याल तें तुरत टलम।
अविचल गति गहन सरल चित अविरल,हरि हर जो गुणगान करम।
करनल दुःख दूर करन सोय दारूण, धर पर सोनल रूप धरम्॥2[…]
।।मत्तगयंद सवैया।।
आज परे हम पे दुःख दारुण , लाज तजी निज काज सँवारे।
देव कहाय, भये पर दानव, मानव के सद् गुण बिसारे।
काह कहें न कह्यो कछु जायजु, है सबही विधि हिम्मत हारे।
सोनल मात सहाय करो हम पापी तथापि है पुत्र तिहारे।।1
फैल फितूर मे फूल रहै अरु, भूल अतूल भरे हम भारे।
खेलत खेल खुले खल सों मिल, ऐसे है हाल हवाल हमारे।
काल कराल के गाल में कालहि, जावनों पें न जराहि बिचारे।
सोनल मात सहाय करो हम पापी तथापि है पुत्र तिहारे।।2[…]