सखा श्रवण को श्रद्धांजलि

अरे वा’रे जगत जहान रखवारे तेरे,
अटल अन्यारे कार पार मैं न पा सक्यो।
विरुद गोपाल धारे काम नाम सारे कारे,
गाय के पुकारे हाय रेल ना रुका सक्यो।
गूजरी के जाये को पठाए झट धेनु काज,
कहे ‘गजराज’ हाय! श्याम तू न आ सक्यो।
न्याय पे तिहारे करें काय पतियारे कृष्ण,
गाय को बचाने वारे को न तू बचा सक्यो।।[…]