इण आजादी री इज्जत नैं, म्हे राजस्थान्यां राखी है

प्रमाण अलेखूं पुख्ता है,
इतिहास जिकण रो साखी है।
इण आजादी री इज्जत नैं,
म्हे राजस्थान्यां राखी है।।

म्हैं इतिहासां में बांच्योड़ी,
साचकली बात बताऊं हूं।
घटना दर घटना भारत रै,
गौरव री गाथ सुणाऊं हूं।
इण गौरवगाथा रै पानां में,
सोनलिया आखर म्हारा है।
कटतोड़ा माथा, धड़ लड़ता,
बख्तर अर पाखर म्हारा है।[…]

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🌷घनाक्षरी कवित्त 🌷

कुंभा से कला प्रवीण, सांगा से समर वीर,
प्रणधारी पातळ की मात महतारी है।
प्रण हेतु परणी को चंवरी में छोड़ चले,
काळवीं की पीठ चढ़े पाबू रणधारी है।।
मातृभूमि की पुकार सुनिके सुहाग रात,
कंत हाथ निज सीस सौंपे जहां नारी है।
कर के प्रणाम निज भाग को सराहों नित,
रणबंकी राजस्थान मातृभू हमारी है।।01।।[…]

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मोटी मरजादण मरुभाषा

सतियां रै सत री गाथावां
पतियां रै पत री घण बातां।
जतियां रै जंगी जूझारू
जीवण री जूनी अखियातां।।
संतां री वाणी सीख भरी
सूरां रा समर अनै साका।
वीरां वरदाई बड़भागण
मोटी मरजादण मरुभाषा।। […]

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चंवरां वाल़ी चूंप, भुरजां सूं दीसै भली!

।।मुरधर रा रूप झूंपड़ा मांटी।।
।।गीत वेलियो।।

मुरधर रा रूप झूंपड़ा मांटी,
आनधारियां तण-आवास।
आगर-नेह ओपता नौखा,
अतँस सैणां भरण उजास।।1[…]

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रंग रै राजस्थान

छंद – रेंणकी
मन इक रीते परण मरण मन, उवा धरण है देख इया।
मरिया पग रोप राड़ बिच माणस, जीवट उर में राख जिया।
सोभा इण भांत सांभल़ी सुरपत, ऐरावत चढ जात अयो।
सुरधर समराथ अनै मुरधर सतजग पर समवड़ रूप जयो।।१

पेखो इम वीर धर प्रण पाल़ण, सत पख चाढण नीर सदा।
ऊनी हद खीर दहै कर उणमे, जुड़ै भीर ना होय जुदा।
भांजण सो भीड़ अबल़ पख भिड़ियां, पीड़ निजु नह सोच पयो।।
सुरधर समराथ अनै मुरधर सतजग पर समवड़ रूप जयो।।२ […]

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आ राजस्थानी भासा है – शक्तिदान कविया

इणरौ इतिहास अनूठो है, इण मांय मुलक री आसा है ।
चहूंकूंटां चावी नै ठावी, आ राजस्थानी भासा है ।

जद ही भारत में सताजोग, आफ़त री आंधी आई ही ।
बगतर री कड़ियां बड़की ही, जद सिन्धू राग सुणाई ही ।
गड़गड़िया तोपां रा गोळा, भालां री अणियां भळकी ही ।
जोधारां धारां जुड़तां ही, खाळां रातम्बर खळकी ही ।
रड़वड़ता माथा रणखेतां, अड़वड़ता घोड़ा ऊलळता । […]

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