रे धोरां आळा देस जाग

धोराँ आळा देस जाग रे ऊँटाँ आळा देस जाग।
छाती पर पैणा पड़्या नाग रे धोराँ आळा देस जाग।।

उठ खोल उनींदी आँखड़ल्यां नैणाँ री मीठी नींद तोड़।
रे रात नहीं अब दिन ऊग्यो सपनाँ रो कू़डो मोह छोड़।।
थारी आँख्याँ में नाच रह्या जंजाळ सुहाणी रातां रा।
तूं कोट बणावै उण जूनोड़ै जुग री बोदी बातां रा।।
रे बीत गयो सो गयो बीत तूं उणरी कू़डी आस त्याग।।
छाती पर पैणा पड़्या नाग रे धोराँ आळा देश जाग।।१।।[…]

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नारी बन तू निडर निर्भया

खुद के भीतर देख निर्भया,
बदल ब्रह्म के लेख निर्भया,
तू सूरज है, तेजपुंज तू,
वहसी तम की रेख निर्भया,
खुद के भीतर देख निर्भया।

भीतर का भय त्याग निर्भया,
जगना होगा, जाग निर्भया,
तेरी ताकत सागर जैसी,
दुष्ट झाग सम पेख निर्भया,
खुद के भीतर देख निर्भया।[…]

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पदमण सुजस प्रकास

पापी के खपिया प्रिथी, विटळा केक विनास।
जस धिन दूणो जगमगै, पदमण तणो प्रकास।।

जिण झाळां री झाट सूं, खपियो खिलजी खास।
प्रिथमी सारी पसरियो, पदमण सुजस प्रकास।।

सत उर में साहस सधर, जबर वर्यो जसवास।
सांम नांम स्वाभिमान रो, पदमण तणो प्रकास।।

आय अलाऊदीन ऊ, निसचै हुवो निरास।
वर अगनी कीधो वसू, पदमण सुजस प्रकास।।[…]

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भगवा

कुण नै चिंता करम री, करै सो आप भरेह।
पण इण भगवा भेख नैं, काळो मती करेह।।
काळा, धोळा, कापड़ा, या हो नंग धड़ंग।
भारत में है भेख रो, सूचक भगवों रंग।।
भगवैं नै भारत दियो, सदा सदा सम्मान।
भगवैं भी राखी भली, इण भारत री शान।।[…]

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आग नफ़रत री बुझाओ

आग नफ़रत री बुझाओ, आ समय री माँग है।
हेत री जाजम जमाओ, आ समय री माँग है।
मौन तोड्यां बिन मनां री ग्रन्थियां उळझै घुळै।
परस्पर बोलो-बुलाओ, आ समय री माँग है।
बारणा अर बारियाँ ढक, सोवणै सूं नीं सधै
आज घर सूं बा’र आओ, आ समय री माँग है।
दोष देकर दूसरां नैं, पाक-दामण मत बणो
आंगळी खुद पर उठाओ, आ समय री माँग है।[…]

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उण अनमी अवनाड़ां रा सीस!!

मन री बातां करणियां रै
कांई नीं है कोई
ऐड़ी रीत,
जिणसूं ऊग जावै
कठै ई ऊंडै काल़जै
प्रीत रा पनूरा!!
कांई नीं है
वा कनै
आंशुवां रो कोई समंदर!
छौ, कोई बात नी!
संवेदनावां तो
शायद होवैली जीवती![…]

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डिंगल फेशन – कवि भंवरदान गढवी “मधुकर”

इण पढ्यो लिख्यो री पंगत में, जुनोड़ा आखर कुण जांणे।
नखरा कर नये जमांने रा, तिरछी हद रागां लो तांणे।।
जा जोर तमासा कर जितरा, जोवे जनता मन जोकरिया।
वाजे आधुनिक वायरियो, डिंगल फेशन कर डोकरिया।।१

ऊचे शब्दां रा अरथ करे, वो कूंत करणिया रैया कठे।
जुनी भाषा ने जांणणिया, अब देख किता सच कया अठे।।
तड़का बाजे लै ताड़ी रा, हाका कर लड़का होकरिया।
वाजे आधुनिक वायरियो, डिंगल फेशन कर डोकरिया।।२[…]

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कुबद्ध कमाई छोड बावल़ा!

कुबद्ध कमाई छोड बावल़ा!
मतकर भ्रष्टां होड बावल़ा!!
च्यार दिनां री देख चांदणी!
फैंगर मतकर कोड बावल़ा!!

लुकै नहीं अपराध लाखविध!
कूटीजै फिर भोड बावल़ा!!
लोकतंत्र में बिनां दावणै,
लेय तपड़का तोड बावल़ा![…]

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टकै-टकै मत बेच

मोत्यां मूंघो माण जगत में
अर मोत्यां री कीमत भारी।
टकै-टकै मत बेच बावळा, आ जिंदगाणी लाख टकां री।।

लख चौरासी भटक बितायां
मिनख जूण रो मोको आवै।
करम देख करतार पूरबला
करमां सारू काज भुळावै।।
कर करणी भंूडी या सखरी
बही लिखीजै बंदा थारी।
टकै-टकै मत बेच बावळा, आ जिंदगाणी लाख टकां री।।01।।

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शब्दां वाल़ी चोट देखलै!!

माची दोटमदोट देखलै!
सिद्ध श्री में खोट देखलै!
मिनड़्यां वाट न्याय री न्हाल़ै!
बांदर छीनै रोट देखलै!!

गाय सुवाड़ी ठाण बंधी है!!
खेत उजाड़ै झोट देखलै!!
घड़ै चौपड़ै छांट पड़ै नीं!!
काल़ा तन पर कोट देखलै!![…]

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