🌷भँवर समोवड़ भांण!🌷

आद वरण री उतन आ, पुणां धरण पिछमांण।
सगत भगत घण सूरमा, उतपन किया अमांण।।1
अवनी आ आवड़ करी, पग रज मात पवीत।
रमी रास मन खास रँज, अहर निसा अघजीत।।2
आसकरण तिणराव उत, कुशललाभ कविराय।
सांगड़ रँगरेलो सिरै, ठावी कविता ठाय।।3
आसाणद ईसर अखां, सकव वडो हरसूर।
आणद करमाणद उठै, मही पात मसहूर।।4[…]