होरी के पद

।।होरी पद-१।।

होली! खेलत श्री यदुबीर।
छिड़कत लाल गुलाल बाल पर, अनहद उड़त अबीर।।१

बरसाने की सब ब्रजबाला, आई होय अधीर।
भर भर डारी अंग पिचकारी, भीगै अंगिया चीर।।२[…]

» Read more

तरस मिटाणी तीज

भलो थल़ी में भादवो, रमूं सहेली रीझ।
हड़हड़ती हँसती हरस, तरस मिटाणी तीज।।

हरदिस में हरयाल़ियां, भोम गई सह भीज।
भल तूं लायो भादवा, तरस मिटाणी तीज।।

भैंसड़ियां सुरभ्यां भली, पसमां घिरी पतीज।
मह थल़ बैवै मछरती, तकड़ी भादव तीज।।[…]

» Read more

हेत बिन होळी अधूरी

मानज्यो आ बात पूरी
हेत बिन होळी अधूरी।
फगत तन रा मेळ फोरा,
मेळ मन रा है जरूरी।।

वासना री बस्तियां में
प्रीत-पोळां नीं मिलै,
रूप रूड़ा लोग कूड़ा,
साफ़ दिलडां बीच दूरी।। हेत बिन होळी अधूरी।।[…]

» Read more

नेह रो दरियाव दिवलो

नेह रो दरियाव दिवलो,
गेह नै उपहार दे।
श्याम-बदना रात रै,
झट गात नै सिंणगार दे।
तन बाऴ जोबन गाऴ नै,
उपकार रै पथ प्रीत सूं।
ओ जीत रो जयकार दिवलो,
तिमिर नै ललकार दे।।[…]

» Read more

साची बात कहूँ रे दिवला

साची बात कहूँ रे दिवला,
थूं म्हारै मन भावै।
दिपती जोत देख दिल हरखै,
अणहद आणंद आवै।

च्यारुंमेर चड़ूड़ च्यानणो,
तेज तकड़बंद थारो।
जुड़ियाँ नयण पलक नहं झपकै,
आकर्षक उणियारो।[…]

» Read more

दिवला! इसड़ो करे उजास

दिवला! इसड़ो करे उजास
जिणमें सकल निरासा जळ कर,
उबरै बधै ऊजळी आस।

मन रो मैल कळुष मिट ज्यावै,
वध-वध दृढै विमळ विश्वास ।
झूठ कपट पाखंड जळै सब,
पाप खोट नहं आवै पास।।[…]

» Read more

🌹 सबरै घरै दीवाल़ी होसी!!🌹

मन रो तिमिर हरैला दीपक,
उण दिन ही उजियाल़ी होसी!
मिनखपणो होसी जद मंडित ,
देख देश दीवाल़ी होसी!!
🚩
जात -पांत सूं ऊपर उठनै,
पीड़ पाड़ोसी समझेला!
धरम धड़ै में बांटणियां वै,
घोषित उण दिन जाल़ी होसी!![…]

» Read more

होली के कुछ दोहै

सरहद पर गोली चली, धरती होली लाल|
होली पल पल खेलता,भारत माँ का लाल||१
रे भोली ब्रजबालिका, होली काहै लाल|
होली में ब्रजलाल नें, तन जो मला गुलाल||२
मैं भोली नादान बन,होली उसके साथ|
उसने मौका ताड की,चोली पर बरसात||३
होली वह उसकी सखी!,इस होली के संग|
भोली सी ब्रजगोपिका, रंगी श्याम के रंग|।४ […]

» Read more

फागुन के सवैया

गल गुंजनमाल, रू नैन विशाल, चलै गजचाल सदा शुभ जो री।
कटि फेंट धरी मुरली, पटपीत, लिये लकुटी कर में लखियो री।
मुकुटं सिर सुंदर मोरपखा मुख मंजुल चोरत है मति मोरी।
रँग डाल गुलाल अबीर उछाल सखी नँदलाल रचावत होरी।।१।।

बरसे रंग आज सखी ब्रजमें, उर आनंद की सरिता सरसे।
सरसे सब गोपिन के तन के तरू, पल्लव पात नये दरसे।
दरसे दसहू दिस लाल गुलालअबीरन गाल पिया परसे।
परसे हुई आज निहाल अली! ब्रजबाल पे लाल कृपा बरसे।।२।।[…]

» Read more

फागण रा दूहा

तन तो पिव मैं रंग लूं,मन रंगूं किण भाँत|
इण फागण आया नहीं,धणी करी घण घात||१
फागण फूल उछाळतौ,अलबेलौ अणपार|
आयौ मन रे आंगणै,करै प्रेम मनुहार||२
फागण इतरो फाट मत,फूल न मौ पर फैक|
विरहण धण री वेदना,समझ करे सुविवेक||३ […]

» Read more
1 2