‘थळवट बत्तीसी’ बनाम ‘थळवट रौ थाट’ – कविराजा बांकीदास आशिया / डॉ. शक्तिदान कविया

थळवट बत्तीसी (बांकीदास आशिया)
जेथ वसै भूतां जिसा, मानव विना मुआंह।
ढोल ढमंकै नीसरै, पांणी अंध कुआंह।।
थळवट रौ थाट (शक्तिदान कविया)
थळ रा वासी थेट सूं, हरी उपासी होय।
अष्ट पौर तन आपरै, कष्ट गिणै नंह कोय।।[…]